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69 · Sep 2024
हिंदी
Mohan Jaipuri Sep 2024
मातृभूमि और मातृभाषा
असली जीवन की परिभाषा
अ अनार से श शंख तक
इसमें छिपी है हमारी गाथा।
अमर, अकबर, एंथनी
बोलने में भेद न करते
घर सबके एक जैसे होते
रहते गले लगते-लगाते ।
राजशाही और प्रजातंत्र में
हुकुम और श्रीमान बोलते
मिशाइलमैन को कलाम,
चांद खटोले को चंद्रयान बोलते
उसमें ही हम पहचान टटोलते।
कहीं राजनीतिवस
कुछ लोग एहतियात बरतते
फिर भी सूकून दिल्ली को
दिल्ली बोलकर ही पाते।
साड़ी, धोती और अंगोछा
पहन कर जीये सारे पुरोधा
हिंदी में आशीर्वाद लेकर
कुछ बने‌‌ हैं 'नोबल' विजेता।
69 · Jan 2020
Right investment
Mohan Jaipuri Jan 2020
For the world
You are a person
Be a good citizen

For the family
You are the world
Be a jack of all trades

For a wife
You are love
Give her time

For the children
You are a hero
Care and cheer them up

For the sub-ordinates
You are a motivation
Be a source of energy

For your friend circle
You are a social link
Try fit well in that chain.
Mohan Jaipuri Aug 2024
कुछ किताबों का
इतिहास कहीं और का
लिखते - लिखते दौर
हो जाता कहीं और का
पाठक टिप्पणी क्या लिखें
आज शौर है खामोशी का।।
68 · Feb 2020
Life is a rap now
Mohan Jaipuri Feb 2020
Population increasing
Humanity lacking
Education increasing
Quality lacking
Rap increasing
Melody lacking
Food items increasing
Appetite losing
Temples increasing
Peace lacking
Promises increasing
Actions lacking
Lust increasing
Love lacking
Lies flying
Truth sinking
Resuscitate me
I am fainting
68 · Oct 2024
Count down (Day100)
Mohan Jaipuri Oct 2024
अब बता ही देते हैं दास्तां
आज नहीं तो फिर कौन सुनेगा
बंद हो गई हवेली तो रहने कौन आयेगा
आ भी गया तो बातें भूतों की बनायेगा ।
Mohan Jaipuri Sep 2024
दिन तीस सितंबर के
शांति से निपटाय
शीत ज्यों ही आयसी
खाकर शरीर सुस्ताय।

अभी नीले का दौर है
आगे पतझड़ आय
जब तक बिस्तर छोड़िये
तब तक सूरज ढल जाय।

नीर आज लगे मनमोहन
लूं शरीर से लिपटाय
जैसे ही सितंबर जायसी
निकालूं इससे नजर चुराय।

शीत में जिनकी शादी होयसी
वह घोड़ी चढ़ जाय
मार्च आये आंख खुले  
असली मंजर दिख जाय।

# व्यंग
68 · Mar 2020
Handshake
Mohan Jaipuri Mar 2020
Avoid unwilling
Handshake
For the health
Sake
Accept unwilling
Handshake
For business
Sake
Health and
Business
Now is in
Bad shape
Calculate
Every step
China.      Covid-19
Big market   suffering
68 · Aug 2020
Pain of rain
Mohan Jaipuri Aug 2020
It is cloudy on rainy days
Tree plants are beautifully bathed
Emotions flare up
If there is no one to hold up
Waterfalls of tears
from the eyes gear up
reavealing the heart
break up
Mohan Jaipuri Dec 2020
बोर्डर कहता मुझ पर
कभी‌ ठहरना मत
वरना होगा विप्लव
घर के बॉर्डर नजरें जो ठहरे
तब पड़ोसियों में उपद्रव।

देश के बोर्डर सेना टिके
तब मानवता घुटने टेके
राजधानी बॉर्डर किसान डटे
तब अर्थशास्त्र कोने में सिमटे
साड़ी बॉर्डर नजरें टिके तो
समझो पांचो पांडव बिके
सदा करो बॉर्डर का सम्मान
इसमें है सबका कल्याण।।
Mohan Jaipuri Jul 2020
लोग कहते हैं
जिंदगी आइसक्रीम की तरह है
टेस्ट करो तो पिघलती है
वेस्ट करो तो भी पिघलती है
कौन यहां मनमाफिक जिंदगी
जी पाता है
यह तो किसी और की
पहले से लिखी हुई पटकथा है
परंतु आज इस उमसभरी दुपहरी में
आइसक्रीम को थोड़ा चखा है
इस कोरोना के काल में‌ फिर से
मन बचपन में जरूर लौटा है।
Mohan Jaipuri Oct 2024
जाना‌ तो कवियों को भी पड़ता है
यह राह वरना बनी रहेगी कैसे?
माना चले जायेंगे कवि भी एक रोज
अंदाज-ए-बयां उनके मिटने से रहे ।।
67 · Jul 2024
बारिश
Mohan Jaipuri Jul 2024
बारिश की बूंदों की टप टप
लगता तू नहा रही छप छप
यह बादलों का गढ़ गड़ शौर
नशा मुझ पर करे घनघोर ।
काले बादल ज्यों तेरी
मदहोश करती जुल्फें
बढा रही हैं मेरी
शामों की उल्फतें।
भीनी धरती की खुशबू
लगता सेज बिछाई है तूने
यादों के इस मंजर में लगता है
तू व्याप्त मौसम की इस रवानी में ।
ऐसे में जब बिजली चमके
होश में लाती मुझको
हसीन यादों से जुदा करके
खंजर घोंपती मुझको।।
66 · May 2020
Lockdownd Days
Mohan Jaipuri May 2020
Peak of lockdown
And peak of heat
Made our movements
And activities very weak
Self - dependence seems
a long lasting trait
Posting a selfie seems
very difficult with
Self decor moustache
And self done hairset
Fighting with 65th day of lockdown and 50 degree celcius temperature at my place.
66 · Jul 2024
Tigers day
Mohan Jaipuri Jul 2024
As fast as a tiger
Proverb has no existence
Untill tigers are conserved
Mohan Jaipuri Apr 2020
गहरा जमीन का दर्द हुआ
इंसान की करतूतें छिपाना
इसके लिए जब मुश्किल हुआ
तब अब जो हो रहा है
वह मंजर पैदा हुआ
कदर करना सीख लो प्रकृति की
वरना पश्चाताप का वक्त
ना देगी यह धरती भी
A poem dedicated to earth  on 50 th earth day today i.e. 22-04-2020
Mohan Jaipuri Oct 2024
दर्द की बात करें तो सुने कौन?
दीवारों से कहें तो वो हैं मौन।
कोलेज के साथियों को सुनाएं
वो एक से एक पहेलियां बुझाएं
शायद वो भी डरते हैं
कहीं उनके दर्द छलक ना जाएं। दर्द की बात...
बच्चों को क्या मालूम
दर्द क्या होता है?
उनको तो लगता है दर्द गर होता भी हो
नींद आते ही मिट जाता है। दर्द की बात...
हास्य-व्यंग में लिखकर उड़ाएं
तो उपहास बनने का डर सताए
ऐसा ना हो कि कोमेडी करते रहें
और पूंछ में आग लग जाए। दर्द की बात...
शायरी का ठीक है काम
दर्द को समेटना इसके नाम
कोई पढ़े तो ठीक है वरना
आपको तो मिल ही गया आराम।
दर्द की बात करें तो सुने कौन?
दीवारों से कहें तो वो हैं मौन।।
66 · Aug 2024
Robust
Mohan Jaipuri Aug 2024
Some deserted roads
may also have some story
Exactly forty years ago
I was subjected to ragging
in my college in a state of sorry
forced to wear my underwear
as a cap on kirmich road
and made to take a dip
in the road side drainage
Day was fourteenth August
This way I was made robust
66 · May 2020
Happy Labour Day
Mohan Jaipuri May 2020
Eight hours for work
Eight hours for recreation
And Eight for the rest
To arrive at it was difficult
without organization and unity
Salute to you everyone with full dignity
Happy labour day to everyone
66 · Aug 2020
Head or tail
Mohan Jaipuri Aug 2020
Head
Or
Tail
Try with patience
You
Will
Never
fail
66 · Jun 2020
Humility and love
Mohan Jaipuri Jun 2020
Humility makes
men and women angels
Men and women love
and give birth to angels
Both humility and love
are the basis of world
How the hell in the world
Vanity and devils appeared
Mohan Jaipuri Aug 2020
जब जीवन में झंझावत आएं
किसी बुजुर्ग की शरण में जाएं
पढ़ विवेक और धीरज का पाठ
मुश्किल हल कर लेवें
जब जीवन में अच्छे अवसर आएं
किसी बुजुर्ग की शरण में जाएं
ले उनके अनुभव का सार
सही चुनाव अपनाएं
जब जीवन में खुशियां आएं
किसी बुजुर्ग संग बांटे
ले उनका आशीष
सच्चे सुख का आनंद पाएं
जीवन को जब सामाजिक बनाएं
किसी बुजुर्ग का चुनाव करें
उनके आशीर्वाद से
समुदाय को स्वर्ग बनाएं।
बुजुर्ग अनुभवों का अनमोल खजाना है ।
इस खजाने को बेहतर सजाना है।
विश्व बुजुर्ग दिवस पर सभी बुजुर्गों को सादर समर्पित।
65 · Aug 2024
Women's equality day
Mohan Jaipuri Aug 2024
Time was not always like today
Though today is also not perfect
But once the women had
even no right to vote
and no equal salary for
the same sort of job
Some things have improved
but still women safety
is the issue to be improved
by changing thought & quote
which society need to be taught.
Mohan Jaipuri Aug 2024
आधी चोकलेट तूने खायी
आधी मुझको भेज दी
देख तेरा यह लगाव मुझसे
मैंने चूस -चूस कर खत्म की।।
65 · Aug 2020
Role of an older
Mohan Jaipuri Aug 2020
Life teaches us many lessons
With the help of an older
These lessons become a lot easier
Life provides us many opportunities
With the help of an older
Selection from them become easier
Life provides many happiness
With the help of an older
Happiness is converted into a bliss
Life gives us a community
With the help of an older
Community is converted to heaven
The Aug 21 is the world senior citizen's day.
Don't just count your years, make your years count.... Happy Senior Citizen's Day.
65 · Dec 2020
जीवन सार
Mohan Jaipuri Dec 2020
सफलता के लिए
ईश्वर का स्मरण व
स्वयं का पुरुषार्थ
खुशी के लिए
माता-पिता का
सदैव सिर हाथ
सम्मान के लिए
परिवार का साथ
अन्यथा भटकना
है यहां‌ अकारथ।।
HBD Vivek my son and the above message for you with blessing.❤️❤️❤️❤️❤️
Mohan Jaipuri May 2024
कुछ लोगों से यह नहीं पूछा जाता कैसे हो
उनसे मन ही मन पूछा जाता है क्यों हो?
फिर मन ही जवाब दे देता है
जैसे बालों में जुएं, वैसे ही ये मुएं।।
64 · Sep 2024
शादी
Mohan Jaipuri Sep 2024
शादी
जल और अग्नि
का मिलन
लगता बुझ जायेगी अगन
असल में बनती पर भाप
उसकी गुप्त ऊष्मा से
रोज होती जलन
बस जिंदगी होती नहीं खाक।
Mohan Jaipuri Oct 2024
तारे गिननें से नींद नहीं आती
खुशी जब अंदर हो
तभी खूबसूरती भाती
पास में जो है उससे बतिया लो
जानवर ही क्यों ना हो
उससे प्रतिक्रिया आती।।
64 · Sep 2020
World of Poetry
Mohan Jaipuri Sep 2020
World of poetry
Based on imagery
Improved by
art of speakry
Does not need
mamoth dictionary
But words
should carry
some etiquette
necessary
Mohan Jaipuri Aug 2024
आज रेगिस्तान में खेती होने लगी  खजूरी
धरती उगाती मेवे , कम होने लगी जी हूजूरी ।।
63 · Jul 2024
गुलकंद
Mohan Jaipuri Jul 2024
गुलाब हो तुम
गुलकंद बनाकर
सौंप दिया घरवालों ने
ठंडी हो गयी अल्हड़ हरकतें
बड़ा जुल्म किया गुलकंद
तेरे रसीले निवालों ने।।
63 · May 2024
मां
Mohan Jaipuri May 2024
तेरी‌ निशानियां नहीं
ये तेरी कुर्बानियां हैं
जीवन के संघर्षों में
मुझ पे मेहरबानियां हैं।।
Mohan Jaipuri May 2020
जाने वाले चले जाते हैं,
ना लौट कर कभी आते हैं
हमारा जीवन यादों का
जलता दीपक बना जाते हैं।

हर रैना तारों से उनकी
उपस्थिति का आभास कराती है
सुबह-शाम लगता जैसे
लालिमा सूर्य की उनसे सी होती है
भरी दोपहरी में बादल आने से
छाया कहीं से आती है
उनके शीतल आंचल की
यादें ताजा कर जाती है
लेकिन गुजरना बादल का
फिर वही एहसास दिला जाते हैं
जाने वाले चले जाते हैं
ना लौट कर कभी आते हैं
हमारा जीवन यादों का
जलता दीपक बना जाते हैं।

फूल कहीं जब खिला हुआ देखते हैं
सहसा उनका मुखड़ा सामने पाते हैं
भौंरे जब कहीं मंडराते हैं
उनके दृग की मादकता ताजा कर जाते हैं
भौंरे पल भर में जब अदृश्य हो जाते हैं
फिर वही एहसास दे जाते हैं
जाने वाले चले जाते हैं
लौट कर कभी ना आते हैं
हमारा जीवन यादों का
जलता दीपक बना जाते हैं।

समुद्र की लहरें जब तट पर आती हैं
जीवन मर्यादा का भान करा जाती हैं
भाव मन में गतिशीलता का
फिर पैदा कर जाती हैं
लेकिन लौटती लहरें
फिर वही एहसास दे जाती हैं
जाने वाले चले जाते हैं
ना लौट कर कभी आते हैं
हमारा जीवन यादों का
जलता दीपक बना जाते हैं।।
63 · Feb 2020
Mirror Image
Mohan Jaipuri Feb 2020
Today
The human
Is like
A pressure cooker
Without
A safety valve
63 · Mar 2020
Memories
Mohan Jaipuri Mar 2020
Our memories are
Quenched coals
Illususion of reclaiming
of warm but
It proves a fictitious charm
Mohan Jaipuri Oct 2024
इश्क‌ इतना ना किया करो मुझसे
कि सुबह भी तुमसे,शाम भी तुमसे
बन गई हो तुम मेरी हरियाणवी जलेबी
जुड़ गई सता भी तुमसे, खता भी तुमसे
सपने भी तेरे और चहुं चर्चा बहुतेरे।।
62 · Jul 2024
Love,kiss & cuddles
Mohan Jaipuri Jul 2024
People write about
eat, drink & dress
Then come to
wish and manners
Some about
Loss and wins
Rarely kith & kins
But more
important is
love,kiss & cuddles
These are supportive
to win over life hurdles
Mohan Jaipuri Jul 2024
दूज का हुआ तो क्या हुआ
है तो तू चांद
रख धैर्य और बढ़ आगे
पूर्णिमा को मान।।
Mohan Jaipuri Nov 2020
कार्तिक तक ठंडे से नहाये
थी दिवाली की आस
अब मार्गशीर्ष ले आया
जाड़े की सौगात
गर्म पानी नहाना शुरु किया
अब सिर खुश्की का वास
फाल्गुन जब आयेगा तब होगी
ठण्डे से नहाने की औकात।।
62 · Aug 2024
I swear
Mohan Jaipuri Aug 2024
Black hairs
turn into gray
It's the life
the way it sway
Body understands
heart does not care
I am one of them
I swear
61 · Aug 2024
सपना
Mohan Jaipuri Aug 2024
अपना तो सिर्फ सपना है
बाकी सब तो ढकना है।।
61 · Nov 2020
उसूल
Mohan Jaipuri Nov 2020
मेरी खुशी
यारों की अमानत है
मेरी जिंदगी उनकी
दुआओं से सलामत है।

मैंने जिंदगी के फर्ज
निभाए हैं फिल्मी तर्ज
अब इस ऊंघते से समय में
नहीं है कोई मर्ज
ठहाके लगाने में अब
नहीं है कोई हर्ज।

मेरी बातों में अब
नहीं है कोई रंज
मेरी चालों में
नहीं है शतरंज
मैं तो टिमटिमाता
दीपक हूं ख्यालों का
जिसको इंतजार रहता
यार मतवालों का।

मैंने अपनी जिंदगी पर
समझा नहीं अपना हक
इसलिए जो करना है
करता हूं बे-शक
जीता हूं आज को
ना करता चिंता नाहक।।
Mohan Jaipuri Apr 2020
Hold me from wherever you are
When my voice does not find words
due to heavy heart
Hold me from wherever you are
When flames of candles and glow of stars light up night but I feel dark
Hold me from where you are
When gardens are blooming but
I feel gloomy
Hold me from wherever you are
When tears roll down my cheeks
but nobody is there to sail out them
Hold me from wherever you are
When my steps move to the bar
instead of home at day's end
Hold me from wherever you are
When I become a traveller of
unknown destinations.
So close to my heart  but so far
    physically
Mohan Jaipuri Oct 2020
वर्षा के बाद
इंद्रधनुष की प्यास
उसके रंगों की तलाश
उनको छूने की आस
यह है अजीब मोह पाश

खूब हैं दोस्त फिर भी
महिला मित्रों की तलाश
उसमें भी कशिश की आस
चेहरे में हो चंद्र कला का आभास
वास भी हो बहुत सुवास
फिर सहवास की तलाश
यह है पतन का पाश

पीने को नीर
और पवित्र क्षीर
फिर भी मय की तलाश
उसमें रंग और फ्लेवर
की नई-नई आस
पीने के बाद डिस्को
पर झूमने की प्यास
यह है कभी ना मिटने
वाली लालसा के पाश
61 · Oct 2020
शेफ (Chef)
Mohan Jaipuri Oct 2020
सफेद एप्रन पहनते शेफ
सिर पर सफेद 'टोक'
किचन का गर्म माहौल सहकर भी
पूरा करते हमारे खाने के शौक
काट - छांट की अद्भुत कला
सही पकाने की विधि
परोसने की अद्वितीय कला
पैदा करती खाने में प्रीति
ज्यादा कुछ ना सीख पाएं तो भी आज
सीख लो इनसे 'स्वस्थ खाने' की प्रकृति।

स्वस्थ खाने की‌ प्रकृति- Nature of healthy food.
Congratulations to all chefs on international chefs day for their services to the society.
Mohan Jaipuri Nov 2020
माना चारों तरफ मंदी है
ऊपर से कोरोना काल
मिलने की अभी सूरत नहीं
अकेले पड़े हैं निढाल
ऐसे में सोशल मीडिया
पर ही महफिल सजाओ
ले तकनीक की ढाल
खुद को इतना मजबूत करो कि
डरा ना सके ये जाड़े का जंजाल
सारे शायरों जवान हो जाओ
श्रोता और पाठक हो‌ जायें निहाल।।
61 · Nov 2020
Words
Mohan Jaipuri Nov 2020
Be cautious
While using words
Coz these live
longer than us.
Mohan Jaipuri Sep 2020
अगर होती ह्रदय की पीड़ा
मैं करती शब्दों से क्रीड़ा
लिख लेती एक कविता
पठन करती बन एक सरिता
पर आज है श्रृंगार की पीड़ा
चमक रही हूं जैसे अग्न जखीरा
कहीं‌ से आये मेरा पतंगा
समा मुझमें भये‌ अंतरंगा।।
Mohan Jaipuri Dec 2020
मेरा बचपन सीधा था
           बीता गोरे धोरों में।
सूरज उगते खेत पहुंचते
घर आते थे तारों में
खेतों में मोर-पपीहे बोलते
पशु चरते थे कतारों में
              घरवालों से खूब डरता
            बात समझता था उनकी इशारों में।
शाम को खाने में हमेशा खिचड़ी
दही रोटी का कलेवा था
दोपहर में सांगरी की कढ्ढी
संग बाजरी की रोटी का चलेवा‌ था
                 सर्दी जुकाम में चाय पीता
                 यही आदत थी चलन में।
स्कूल चलती थी छप्पर में
ना झंझट था गणवेश का
पानी लाना, रोटी बनाना
शामिल था गुरु सेवा में
बारहखड़ी और पहाड़े बोलना
मिलता था बस मेवा में
                गुरुजी के डंडे का खौफ
               अक्सर सताता था नींदों में।
प्राथमिक बाद दूसरे गांव गया
पैदल पढ़ने मीलों दूर
घरवालों से पढ़ने के लिए
करता रहता मैं जी हुजूर
         इक्कीस रूपये सालाना फीस की खातिर
          कई दिन व्यर्थ होते थे हल चलाने में।
मैं बैठता था पढ़ने घरवाले
ताना देते थे काम चोरी का
कभी-कभी तो छीना- झपटी में
वो रख देते थे कनपटी में
             मां के साथ और आशीर्वाद से
             सदा अव्वल रहा पढ़ाई में।
मां सरस्वती की कृपा थी
काम चलता रहा वजीफे में
दोस्तों और शुभचिंतकों की‌
दुआएं भरता रहा मैं झोली में
                ऐसा करते - करते ही
                पहुंच गया जवानी में।।











‌ ‌ ‌
Mohan Jaipuri Sep 2020
दोस्त भी आजकल
दारू की तरह हो गए
चांदनी में हसीन
सपने बेचते
धूप में बोली से
खजाने भरते
जो वक्त ना समझे
उसके हिस्से में
"माफी" आए
सुनकर इसको
कोई क्यों चकराए।।
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