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Aug 2020 · 45
दोस्त
Mohan Jaipuri Aug 2020
हर रिश्ते में कोई न कोई पर्दा है
कोई ना कोई अदृश्य किस्सा है
ये दोस्त ही हैं जिनको देखकर
लगता‌ है वो‌ जिश्म का हिस्सा हैं
Mohan Jaipuri Aug 2020
आज फिर रंगीन हो गई है जिंदगी
आज फिर छलकता जाम हो गई है जिंदगी

खुशियों के गीत सुनते सुनाते हुए
आज फिर तलबदार है तुम्हारी यह मेरी जिंदगी

मैंने इतना बुलंद किया है तुम्हारी संगत में
कि अब मेरी गुलाम है यह मेरी जिंदगी

तुम्हारे हर एक अल्फाज से सजाया गया
शाख-ए-गुलाब है यह मेरी जिंदगी

जब-जब झोंके तुम्हारे कह- कहों के आते हैं
लचक खा - खाकर नायाब होती है मेरी जिंदगी
Mohan Jaipuri Aug 2020
बरसात के दिनों में बादल छाए रहते हैं
पेड़ पौधे खूबसूरती में नहाए रहते हैं
भावनाओं के हुजूम अंदर उमड़ते रहते हैं
यदि ना हो कोई हुजूम थामने वाला
आंखों से झरने अक्सर झरते रहते हैं।
Aug 2020 · 51
खजाना
Mohan Jaipuri Aug 2020
खजाना हर बार हीरे मोती का ही नहीं होता है।
जिसने‌ शब्दों को‌‌ सहेजना और संवारना
सीख लिया वह भी दिलों की तिजोरी भरता है।
Aug 2020 · 130
Save a day
Mohan Jaipuri Aug 2020
Behave like a mirror
Reflect everything
but say nothing
Be like an anvil
when it comes to be bear
And behave like a hammer
When turn comes for strike.
Mohan Jaipuri Aug 2020
अब तारीफों का वक्त नहीं
एहसासों को पढ़ना अच्छा है
मिले कहीं पुराने दोस्त
चेहरे की रंगत पढ़ना अच्छा है
बिन पूछे ही सब जान लें
इतना तजुर्बा रखना अच्छा है
लफ्जों का कोई बोझ नहीं
पर हल्के लफ्जों से भारी कुछ नहीं
ना आए कभी हल्के लफ्जों का भार
यह दुआ सौ दुआओं से अच्छी है।
The Cheap words are the heaviest thing in this world.
Mohan Jaipuri Aug 2020
एक पाककला का जादूगर
और परोसगारी का बाजीगर
      रोज सुबह खोले पिटारा
      देख ललचाए जी हमारा
      कोविड का समय है
      हम महसूस करें बेसहारा
हिया हमारा टूट रहा
अब बन जाओ तुम रफ्फूगर
      कभी शादियों की दावतें
      कभी पार्टियों की जाम खोरी
      कभी बेलन जैसे हथियार की
      मन गुदगुदाती मसखरी
इतने बड़े-बड़े मसले
पर नहीं है मेरे पास असले
अब बन जाओ तुम शौरगर
      कभी दिल्ली के पराठे
      कभी गुजरात के ढोकले
      कभी पंजाब के छोले भटूरे
      कभी बंगलुरु के डोसे
देखने के अब तक बहुत हो गए शोसे
कभी तो बन‌ जाओ उदर पूरगर
देंगे हम दुआएं बनकर पसरगर।
Mohan Jaipuri Aug 2020
जब जीवन में झंझावत आएं
किसी बुजुर्ग की शरण में जाएं
पढ़ विवेक और धीरज का पाठ
मुश्किल हल कर लेवें
जब जीवन में अच्छे अवसर आएं
किसी बुजुर्ग की शरण में जाएं
ले उनके अनुभव का सार
सही चुनाव अपनाएं
जब जीवन में खुशियां आएं
किसी बुजुर्ग संग बांटे
ले उनका आशीष
सच्चे सुख का आनंद पाएं
जीवन को जब सामाजिक बनाएं
किसी बुजुर्ग का चुनाव करें
उनके आशीर्वाद से
समुदाय को स्वर्ग बनाएं।
बुजुर्ग अनुभवों का अनमोल खजाना है ।
इस खजाने को बेहतर सजाना है।
विश्व बुजुर्ग दिवस पर सभी बुजुर्गों को सादर समर्पित।
Aug 2020 · 67
Role of an older
Mohan Jaipuri Aug 2020
Life teaches us many lessons
With the help of an older
These lessons become a lot easier
Life provides us many opportunities
With the help of an older
Selection from them become easier
Life provides many happiness
With the help of an older
Happiness is converted into a bliss
Life gives us a community
With the help of an older
Community is converted to heaven
The Aug 21 is the world senior citizen's day.
Don't just count your years, make your years count.... Happy Senior Citizen's Day.
Aug 2020 · 42
खूबसूरती
Mohan Jaipuri Aug 2020
किसी शायर का
ख्वाब हो तुम
उसकी कलम की
परवाज हो तुम
लफ्ज‌ जो होंठों तक
आते आते रुक गए
उन लफ्जों का
अहसास हो तुम
Aug 2020 · 53
Pain
Mohan Jaipuri Aug 2020
It is all about
pain
When it comes
through eyes
it makes
weep and weak
when it come
through words
it makes
poems and peak
Mohan Jaipuri Aug 2020
रोज तरोताजा महसूस करते हैं
'हेलो पोयट्री' को पढ़कर

सब कुछ यहां इतना तरोताजा
इसको देखे बिन दिन लगे अधूरा
खूबसूरत अंग्रेजी की 'राईम' से लेकर
हिन्दी कविताओं तक का इंतजाम पूरा

निकल जाते हैं बाहर सब उलझनों से
दो-चार नई कविताओं के भाव देखकर

एक तो सिर पर 'कवि' का ताज
दूसरा दोस्त कवियों के अल्फाज
भर देते हैं जीवन में
नित नए जीने के अंदाज

कभी खिल जाते हैं चेहरे किसी
कविता को 'ट्रेंड(ज्यादा उल्लेख)' होते देखकर

बाहर से हम बदल रहे हैं
लेकिन मन ने यह बात नहीं मानी है
छिपे हुए अरमानों ने
अभी तो भृकुटी तानी है

पीते रहते हैं इस उबाऊ जिंदगी के हर घूंट
दोस्त कवियों की प्यार पर लिखी नई-नई
कविताओं को पढने की आस पर
Aug 2020 · 120
Indian I- Day
Mohan Jaipuri Aug 2020
India's independence
is exemplary
as it was achieved
with the weapon
of non-violence
And nurtured by
the secularism
and economic
liberalisation
It provides chances
of equality for
organization
Today is 74th Indian Independence day.
Wish all indians a very happy independence day.
Aug 2020 · 47
Hopeful choice
Mohan Jaipuri Aug 2020
A son remains a son
till he takes him a wife
A daughter remains
a daughter for whole life
A life is a life till
one has a wife
But in every situation
a daughter is a trustworthy
support and a hopeful choice
Mohan Jaipuri Aug 2020
तेरी सुन्दरता‌ लगता है
गहनो की मोहताज‌ नहीं
आंखों को देख तेरी‌ ना‌ आये
ऐसा‌ दुनियां का कोई ख्वाब नहीं
देख तेरा लिबास ना‌ डोले
ऐसा मजबूत मेरा इमान नहीं
अगर मिली किसी दिन यों ही
भूल ना जाऊं खुद को कहीं

होंठ तेरे गुलाब जैसे
मेरे सीने में दफन सुंदर अरमानों जैसे
लगे देख तेरी जुल्फें ऐसे
कोई जलजला मेरे दिल में आयेगा जैसे
अगर कहीं डूबने लग जाऊं‌ इस जलजले में
पुकार लेना एक बार नाम मेरा तेरे होंठो से
तैर लूंगा मैं भी जलजलें में तिनकों के जैसे
तिनकों की इस संगत में
भूल ना जाऊं खुद को कहीं
Mohan Jaipuri Aug 2020
जमीन पर दो परियां मिली
मिलकर दोनों खूब खिली
सौंदर्य की दुनिया को
एक नई मिसाल मिली।

जब दोनों की आत्मा मिली
सौंदर्य को एक महक मिली
दोनों का देख‌ अपार स्नेह
बाकी दुनिया लागे जाली।।
Aug 2020 · 37
जादू
Mohan Jaipuri Aug 2020
लोग पूछते हैं जादू क्या होता है
शायद उन्होंने कभी देखा नहीं तुझे
वरना खुली आंखों से वो देखते सपने
रातों को फिर नींद ना सूझे
Mohan Jaipuri Aug 2020
कोविड की विपदा में
हम हैं सही मिलन पर
    आज तक हमने ना
     पाया ऐसा अवसर अद्भुत
     पहली बार मिलकर यहां
     मन हो रहा गदगद
दृष्टि केंद्रित हो गई है
आप के ललाटों पर
      कुछ आज आए हैं
      बाकी अगली बार
      उम्र भर यूं ही हम
      जोड़े रखेंगे तार
बढ़ गया है खून पाव भर
मिलकर आज जूम पर
Had a nice quality time on zoom meeting with my engineering batch mates.
Mohan Jaipuri Aug 2020
मैंने लिखी शायरी
उसने कहा कुछ खास नहीं
वह है ही इतनी सुंदर कि
मेरे पास अल्फाज नहीं
और वो इतनी मासूम कि
समझे मेरे जज्बात नहीं।।
Mohan Jaipuri Aug 2020
एक हाथ पंजाबी कड़ा
दूजे हाथ रिस्ट वॉच
गुलाबी होंठ, नशीले नैन
लगती हो तुम बटर स्कोच
क्रीमी गाउन , हाई हील
लगती हो शायर की सोच
कहते हैं परियां आसमान में होती हैं
क्या तुम धरती पर हो सचमुच ?
Mohan Jaipuri Aug 2020
इस जींस पर काले कोट की क्या जरूरत थी
तुम्हारे तो नैनों में ही वकालत का है हुनर
अगर कोई चला गया तेरे दिल की गलियों में
बह जाएगा धाराओं और दफाओं के समर।।
Aug 2020 · 66
Head or tail
Mohan Jaipuri Aug 2020
Head
Or
Tail
Try with patience
You
Will
Never
fail
Mohan Jaipuri Aug 2020
हम
स्वयं को भूल रहे हैं।
     रोजगार के लिए
     दर-दर भटक रहे हैं
     रोजगार हैं कि खुद ही
     बेरोजगार हो रहे हैं
हम अनजानी सी अंधी
दौड़ लगा रहे हैं।

     हमारी आवश्यकताएं
     हमारे बुते से बाहर
     हो रही हैं
     चींटी की तरह
     पंख लगाकर विनाश
     की ओर उड़ रही हैं
आशाओं के मार्ग पर
अंधेरे सो रहे हैं।

     गांव में ना जोत बची
     ना ढोरों के लिए ठौर है
     शहरों की भीड़ भाड़ में
     निराशाओं का शौर है
इस छोर से उस छोर
बस लाचारी सिरमौर है
Mohan Jaipuri Aug 2020
चूरु कभी चूरु ही नहीं था
यह मेरे लिए एक तीर्थ स्थल था
जहां "सत्कार" एक आवास था
वहां सद्गुणों का वास था
भूख के समय भोजन-पानी
रात्रि को प्रवास  था
ज्ञान की बातें, हास्य व्यंग्य
और माखन मिश्री खास था
चिंताओं का पिटारा लेकर
जाता मैं उदास - उदास था
गुरु, गार्जियन व अनुज भ्राताओं का
स्नेह पाकर मिलता नया उजास था
सारी मुश्किलें भेद कर
पहन लेता नया लिबास था
छोटी- छोटी सी खुशियों के
बड़े-बड़े पंख लगते थे
स्कूटर की खरीद पर भी
कार के सपने होते थे
जब सारे सपने साकार हुए
गुरुजी भी शहर से पार हुए
वक्त ने ऐसा खेल दिखाया
सपने भी नौ दो ग्यारह हुए।
Dedicated to my teacher, my mentor and my guardian on his birthday today , 4th Aug.
Aug 2020 · 86
Thought for sleep
Mohan Jaipuri Aug 2020
Our sleep's quality
measures
Our satisfaction quantity
Mohan Jaipuri Aug 2020
रक्षाबंधन पर बहना आई
लाई हर्ष अपार
देख उसे नैनों में फूट पड़ी फुहार
मिलना - बिछुड़ना तन से है
मन का सेतु है साकार
      ‌            तब तक मन में है त्योंहार।
माथे पर तिलक लगाया
दाएं हाथ पर बांधा धागा
मुंह में जब मिठास थमाया
तब मेरा अंतस्तल जागा
देख तुझे जब बचपन लगाए पुकार
                  तब तक मन में है त्योंहार
Today is the festival of  sisters and borthers in India which is called "Rakshabandhan".
Happy Rakshabandhan to all HPians.
Aug 2020 · 37
चटोरी जीभ
Mohan Jaipuri Aug 2020
कहीं सब्जी - कचोरी देखकर
हो ना जाऊं मैं टपोरी
उठाकर बैग पहुंच ना जाऊं पास तेरे
मेरी जीभ है निगोड़ी जरा चटोरी।
Festive season has arrived and I am under lockdown so can't control the feelings of tongue for snacks and sweets.
Jul 2020 · 123
Coincidence
Mohan Jaipuri Jul 2020
Sometimes coincidence does not seem to happened by mere coincidence
Sometimes it appears that
they have different principles
than established on the earth
One who had turned the road with great exaggeration
Today a stranger returned with
that moon with an aspiration
Jul 2020 · 48
इत्तेफाक
Mohan Jaipuri Jul 2020
इत्तेफाक महज इत्तेफाक से तो नहीं होते
कुछ तो इस जहां में इनके मसाइल होते
जिन्होंने मोड़े थे बड़ी नजाकत से रास्ते
आज एक अजनबी उसी चांद संग लौटे।।
Jul 2020 · 55
Friendship
Mohan Jaipuri Jul 2020
Friendship with celestial
objects is divine
but difficult to realise

Friendship with nature
is like a life line
and easy to visualise

Friendship amongst
human beings is the
way of promotion of
love and peace
necessary for mankind
Which paves the way
to sail us through highs
and lows of life
by mutual cooperation,
and guidance
and needed to survive.
Happy friendshipday HPians.
Remembering Joyce Hall for his first effort for observation of international friendshipday. Though the UN Gen Assembly officially declared July 30 as international friendship day in 2011.
This  completes my 4th century of poems too here on HP. Thanks to HP and HPians for being with me. Love you all. Happy friendship.
Jul 2020 · 50
Soul
Mohan Jaipuri Jul 2020
A Philosopher's soul
resides in mind
A Poet's soul
resides in heart
A Singer's soul
resides in throat
But a dancer's soul
resides in every *****
Mohan Jaipuri Jul 2020
ऐसा लग रहा है
जैसे दरिया से लौट रही हो
दरिया की सारी नीलिमा
लिपटाकर साथ ला रही हो
पीछे सुनहरी रेत का
सिर्फ जखीरा छोड़़ आई हो
मेहरबानी बजरों पर हुई
जो आप के सवार होने से
नीले बच गये हों
हीरे मोती दरिया के
पर्स में भरके लाई हो
हुस्न और वैभव सारा
लूट समुद्र का किसका
भाग्य लिखने जा रही हो
Mohan Jaipuri Jul 2020
कोई कमाए लाखों
फिर भी रोटी खा सके ना हाथों
देख-देख दौलत लिफाफे
बहके बातों - बातों
दूजे कमाएं दुआएं
और सुकृत्य बांटे हाथों
देख-देख दुनिया हरखे
महके दिन और रातों
जो समझे ये कृत्य का फेर
वो कभी  फंसे ना व्यर्थ झंझटों
Jul 2020 · 156
A Key
Mohan Jaipuri Jul 2020
Keeping cool is
the basic key to
come to a remedy
Keeping busy is
the basic key to
come out of any
kind of tragedy
Jul 2020 · 78
Daughters
Mohan Jaipuri Jul 2020
Daughters are angels
on this beautiful earth
They convert our house
into a lovely home
They share our happiness
When we are happy
They make us happy
When we are sad
& we are anxious about
where the happiness
will now come from?
They are flexible
Yet Unbreakable
Whether it is heat
Or a cold storm
They stand with
us very very firm
They are the
brand of beauty
on this earth
Still for them
nothing is beautiful
than their family
They are the model
of creation still
they remain away
from illumination.
Jul 2020 · 97
Beauty is in expressions
Mohan Jaipuri Jul 2020
The condition of heart is
fickle like episodes on mobile
Beautiful hands stopped the words
to come out of mouth but
It is difficult to stop eye emotions
The scattered beauty of the ringlets
And the dignified ornaments
My eyes have stuck to it
But it is not possible to prevent
the pen  from writing.
Mohan Jaipuri Jul 2020
हाल दिल का मोबाइल रूपी
किताब जितना ही चंचल है
शब्दों को खूबसूरत हाथ ने रोक लिया
आंखों के जज्बात रोकना मुश्किल है
जुल्फों का बिखरा हुआ सौंदर्य
और ये गरिमामय आभरण
नज़रें हमारी जम गईं
लेखनी को रोक पाना
अब हुआ मुहाल है।
Jul 2020 · 43
निंबौरी
Mohan Jaipuri Jul 2020
रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो अधीर,लोभी
और लालची परखें
दिखे उन्हे हरी भरी
लगे उन्हें कड़वी-कड़वी।

रखो दोस्ती का मिजाज
नीम की निंबौरी सा
जो धैर्यवान, सज्जन
और गुणवान‌ परखें
दिखे उन्हें पीली-पीली
लगे उन्हे रसभरी
और मीठी-मीठी ।।
Jul 2020 · 87
Death
Mohan Jaipuri Jul 2020
Death is truth
To hide up
the bad & good is
Its greatest goodness
To go into the lap of it
while doing self duties
is the best farewell to
life and its besties.

Life lived without sorrow
is considered as raw
Life lived in struggle
Clears off it any sorrow
And death too say it
Not today but tomorrow
Jul 2020 · 41
मौत
Mohan Jaipuri Jul 2020
मौत तो सच्चाई है
भले बुरे पर पर्दा डालना
इसकी सबसे बड़ी अच्छाई है
चलते फिरते आ जाए मौत
यही जिंदगी की सर्वोत्तम विदाई है।

बिना गमों के गुजरे जिंदगी
समझो कच्ची न्हाई (भट्टी) है
संघर्षों में गुजरे जिंदगी
उसको उठा ले जाने में
मौत भी बरतती चतुराई है।
Jul 2020 · 46
Ice cream effect
Mohan Jaipuri Jul 2020
People say
Life is like ice cream
It melts when tasted
It also melts even
When not tasted
Nobody can live life
hundred percent as
per own wish
Cause it runs on
someone else's
Pre-written script
But today in this
humid , hot and sunny
afternoon I have tasted
an ice cream and
In these sad
covid times
Took myself back in
the innocent childhood.
Mohan Jaipuri Jul 2020
लोग कहते हैं
जिंदगी आइसक्रीम की तरह है
टेस्ट करो तो पिघलती है
वेस्ट करो तो भी पिघलती है
कौन यहां मनमाफिक जिंदगी
जी पाता है
यह तो किसी और की
पहले से लिखी हुई पटकथा है
परंतु आज इस उमसभरी दुपहरी में
आइसक्रीम को थोड़ा चखा है
इस कोरोना के काल में‌ फिर से
मन बचपन में जरूर लौटा है।
Mohan Jaipuri Jul 2020
आज मैंने बनाई खीचड़ी
नजर जिस पर दाता की पड़ी
मैंने खीचड़ी घी भरा
दाता ने मेरा खेत भरा
मैंने झुक-झुक दाता का
गुण गान करा।।
It was a beautiful coincidence that I made khichdi in dinner as garnished it with ghee then the first major rain of this shravan started. I have expressed my joy of this gift by god in this poem.
Mohan Jaipuri Jul 2020
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई
ड्रैगन देश से फैली एक बीमारी
अकस्मात बन गई यह महामारी
वायुयानों के पंख थम गए
भूतल परिवहन है मारी मारी
बच्चों की पढ़ाई छिन गई
दुश्वार हो गई दिन गुजारी
यह कैसी दो‌ हजार बीस...

उद्योग पतियों के उद्योग रुक गये
मजदूरों की दिहाड़ी
नेताओं की चौधर रुक गई
घूम रहे हैं जैसे कबाड़ी
किसान हो गए घर तक सीमित
कैसे बचेगी अब फुलवारी
यह कैसी दो हजार बीस...

ममता, स्नेह और साथ निभाना
बात लगती है कोई दीवानी
दादा, पापा ,मां और बेटी
में एक साथ जब कोविड पहचानी
पूरा घर जब अस्पताल पहुंचे
कैसे बचे खुशियों की क्यारी
यह कैसी दो हजार ‌बीस...

डर को ऐसे पंख लगे
महिलाएं दुर्गा बन गई
कहीं स्कूटी पर माता
बेटे को ला रही
तो कहीं बेटी पिता को
अपने गांव ले जा रही
कोई किसी की सुने नहीं बात
दुनिया आपे से बाहर हो रही
डॉक्टरों को देखकर ही
थोड़ी लौटे जीने की खुमारी
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई

कोढ में खाज का काम
कर रहे कहीं टिड्डी और भूकंप
ड्रैगन फिर भी सीमा पर
लगा रहा है कैंप पर कैंप
शायद उसकी अब खुली आंखें
देख नहीं रही आसन्न विनाश प्रलयकारी
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई
Feeling disturbed hearing the news of  megastar Amitabh bachchan, Abhishek bachchan, Aishwarya bachchan and Aradhya bachchan tested covid positive  and expressed my feelings for the year 2020 in above poem. My they all recover soon.
Jul 2020 · 121
Crush limits vision
Mohan Jaipuri Jul 2020
Time is now a book
Where I read and search
A hope for suitability
Friend and thought are only you
In which comfort is comforted
Way is now to your acceptance
Where there is hope for discussion
I no longer afraid of shattering
And have no desire of growing
Mohan Jaipuri Jul 2020
समय ही अब वह किताब है
जहां मेरे संघर्ष का हिसाब है
दोस्त और सोच अब तुम्हीं हो
जिसके लिए जारी अब करतब है
रास्ता अब तुम्हारी ओर ही  है
जहां विचार-विमर्श की आशा है
बिखरने का अब डर नहीं
ना कोई निखरने की अभिलाषा है।
Mohan Jaipuri Jul 2020
जब जब मैं इन्हें बनाता हूं
पसीना रीढ की हड्डी के ऊपर
चल कर पैरों तक आ जाता है
तो कभी नाक से उतर कर
मुंह में घुस जाता है।
मेरे शरीर की नमक की
पूर्ती सहसा ही कर जाता है
बिन पानी के ही मैं पवित्र
स्नान कर बाहर आता हूं
पर इसका मतलब यह भी नहीं कि
मैं अपने पसीने से तकदीर सींचता हूं
मैं तो बस गर्मी में अपने लिए
अपनी चार‌ रोटी बनाता हूं
पाठ यह सीखना बाकी है कि
महिलायें कैसे इतनी तपने के
बाद भी मुस्कुराहट के साथ
सबको खाना परोसती हैं
ना कभी एहसान जताती हैं?
Jul 2020 · 55
Monsoon effects
Mohan Jaipuri Jul 2020
Land gets succulent
When clouds rain
And summer tantrum
Goes into drains
Jul 2020 · 45
मानसून
Mohan Jaipuri Jul 2020
धरा सरसी
जब अंबर बरसा
गर्मी का नखरा
आज सहसा उतरा।
The clouds rained for 20 mins at the desert land from 4:15 PM IST as part of Monsoon spell.
Mohan Jaipuri Jun 2020
वर्गाकार चेहरा
जिस पर बॉय कट का पहरा
आंखों में मासूमियत
बने चंचलता का सेहरा
जब तुम हंसती हो तो
राज कोई दबाती गहरा।

छोटे-छोटे कीमती पत्थरों वाले बूंदे
कीमती पत्थरों वाली मैचिंग वाली माला।
वस्त्र तेरे 'कोटन' वाले
बनाए तुझे कुलीन सी बाला
जब तुम चलती हो
तो फिजा में रंग भरती हरा।

तुम अंग्रेजी की सी चंचलता
दुनिया संस्कृत सी धीर
थोड़ा थोड़ा संयम रखा करो
दुनिया कहीं‌ हर‌ ना ले चीर
हृदय में बसे कोमलता
और स्वभाव बड़ा है खरा।

आपको पढ़ना भी है एक सलीका
कहां हमारे पास है ऐसा वह तरीका
तुम मधुमास उत्सव हो
हम पतझड़ सा फीका
कच्चे मन के धागों से
हमने भेद जाना जरा सा।।
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