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Feb 2022 · 158
A hug
Mohan Jaipuri Feb 2022
A hug
The best way to
show emotions,
Control emotions
and to Come
out of emotions.
It has nothing
to do with language,
Caste, creed & gender
It may also be used
to show Love ,
console in sorrow &
for complete surrender.
# hugday
Feb 2022 · 91
वादे
Mohan Jaipuri Feb 2022
वादे वो नहीं होते
जो शब्दों में बयां होते हैं
वादे तो‌ सिर्फ कसौटी पर
पर ही परखे जाते हैं
मेरी जाना‌ लफ्जों के फेर में
कहीं मुझे ठुकरा ना देना।।
Feb 2022 · 143
Blissful sleep
Mohan Jaipuri Feb 2022
The blissful sleep is not on mattresses
But it is the one which comes without an intention on the grit while soaking in the sun after a heavy lunch after four hour hard labour.
Feb 2022 · 107
Thought of day
Mohan Jaipuri Feb 2022
Family feel
But
Friends heal
# Pahwa
Mohan Jaipuri Feb 2022
जिसके सुरों पर
भारत हमेशा चहका
आज‌ सुर मौन हुए
भारत है भौंचक्का
सदा‌ नहीं यहां किसी
को इस जहां में रहना
गंगा ‌में‌ जैसे जल बहे
तेरे सुरों की धारा
ना रूकेगी कभी बहना
सुरों की जब भी बात होगी
हर दिल ये जरूर कहेगा
वाह !लताजी का क्या कहना।।
# RIP Lata Mangeshkar
Mohan Jaipuri Feb 2022
आई फरवरी
भागी सर्दी
बदली वर्दी
देख बसंत
मन हुआ‌ मौजी
साजन‌‌ सुन
प्यार की‌ अर्जी
दिमाग‌‌ से ऊपर
दिल की मर्जी
तेरे बिन‌
सब है‌ फर्जी
घर लौट अब
छोड़ खुदगर्जी
Jan 2022 · 102
Tribute
Mohan Jaipuri Jan 2022
His life was his message
Which was based on
Non- violence & truth practices
Though the body has vanished
but his teachings flourish
and will always guide the masses.
Irrespective of boundaries of
Countries , caste, creed & races.
#  tributes to Mahatma Gandhi on shaheed diwas.
Mohan Jaipuri Jan 2022
आ जाओ अब तो धूप सजने लगी
मेरे जज़्बातों को हवा लगने लगी।

कुछ रोज तेरे
इंतजार में कट गये
कुछ सर्दी की
भेंट चढ गये
बीता सर्दी का पहरा ख्वाब फिर सुलगने लगे।

याद‌ तुम्हारी भीनी-भीनी
बसी हृदय ज्यों कस्तूरी
मुस्कान तुम्हारी झिनी- झिनी
करती रोमांचित ‌ज्यों बिजूरी
फ़रवरी की आवक देख मेरे नैना तरसने लगे।

तेरे संग बीता समय
है मेरी सोने की‌ गिन्नी
तेरी बातें रस-रसीली
मेरे जीवन चाय की चिन्नी
फागुन के किस्से सुन, अरमानों से चिलमन हटने लगे।

तेरे आंचल की
महक गुलाब सी
आभा आकर्षक
सरसों खेत सी
देख खेतों के रूप मेले मेरे मन में सजने‌ लगे।।
Jan 2022 · 86
ठंड से
Mohan Jaipuri Jan 2022
ऐ ठंड छोड़ दी
मैंने जिद्द नहाने की
डर कर तेरे प्रकोप से
अब तो बरत कुछ राहत
चल रही‌ है नाक
अकड़ रहे हैं हाथ
जब होती है प्रभात
सड़कें मिलती हैं सुनसान
खामोशी हर तरफ ऐसी
जैसे उजड़ गया हो गांव
ना कोवों की कांव
ना‌ नलों में सांय सांय
भांप कर अजीब ये नजारा
मैं दुबका रहता बिस्तर
सब से मुंह मोड़
जाने को आई जनवरी
अब तो पिछा‌ छोड़।।
Mohan Jaipuri Jan 2022
यह दक्षिणी तेज हवाएं
बादलों से घिरा हुआ आकाश
पेड़ों का हवा के कारण
एक दूसरे पर गिरना
यह माघ का ठंडा दिन
यह शनिवार की छुट्टी
पीली टोपी में तेरा
वो सुनहरा सा चेहरा
आंखों में चमक झकाश
देखना तेरा मुझे
जैसे मैं हूं कोई कांच
कर देता है मेरे
विवेक की छुट्टी
लगता है दिन कहता है
आज कह लो जो
कुछ है कहना
वरना शमां ने तो है बुझना
तुम्हारे हिस्से रहेगा कुढ़ना।।
Mohan Jaipuri Jan 2022
आज एक और रसीद आई
सुबह-सुबह उमंग ले आई
सौदागर के सपने भरने
देखो यह सुनहरे रंग में आई।

मकर सक्रांति पर्व पर यह
विचारों को पंख लगाने आई
बिन चरखी और डोर के ही
मुझको आकाश घुमाने आई।

मेरे कोमल मन को देखो
जहां की सैर कराने आई
मावठ के इस शीत मौसम में
शब्दों से इश्क की खुमारी लाई।।
# Publication of Saudagar
Mohan Jaipuri Jan 2022
उस चाय की अलग‌‌ है बात
जो सुबह हो तेरे साथ
एक हाथ में चाय का कप
दूसरे हाथ में मोबाइल
जिसमें चमके तेरा चेहरा
और बनूं उसका भौंरा।।
Jan 2022 · 123
मनमोहन
Mohan Jaipuri Jan 2022
मन तेरा सच्चा है
और मेरा मन बच्चा है
दोनों दिलों में ये चर्चा है
यह प्यार कितना अच्छा है।
Mohan Jaipuri Jan 2022
जब भी हो प्रतीक्षा की बात
हमेशा करना हमको याद
चाहे हो पदोन्नति की राह
या फिर साथी की चाह
और भ्रमण की जगह।।
Jan 2022 · 129
Sky
Mohan Jaipuri Jan 2022
Sky
Sky
Thou will be my shelter
after relieving
from this earthly body
Thou is my last hope
When I am sad
Thou is the biggest, unending &
Most loved path of birds
Thou is the biggest and widest
Communication channel
Thou is the most beautiful
and easily available
colourful object to all beings
Thou is the source of rain
and therefore actual god
Thou is the window to stars,
Sun, moon & galaxies
Thou is not fully known
but thou is environment for sure
Dec 2021 · 115
Attitudes
Mohan Jaipuri Dec 2021
Women with attitudes
are moving poetry
Men who afford them
should have a lot of
Colours of imagery
To enjoy that poetry.
Mohan Jaipuri Dec 2021
चूरू तो ठंडा भया
चाले ठण्डी बाय
खाओ बाजर की रोटियां
लहसुन चटनी लगाय।

जल्दी सिमटो बिस्तरां
दिन में ही सब निपटाय
जाना‌ अगर खुले में
हाथ-पैर बार-२ तपाय।

उगत में कोई दम नहीं
छिपते डगमगाय
चले है ' डांफर' निर्दयी
कलेजे चुभ- चुभ जाय
राखो दिन दस संभाल के
ये हाड़ फिर सरसाय।।
Danfer is local name of coldwave
Dec 2021 · 129
शबाब
Mohan Jaipuri Dec 2021
गुलाब कांटों में मुस्काए
शबाब कांटो को ललचाए
आंखों से जो तीर चलाए
होठों से शोले बरसाए
जुल्फें जैसे सावन घटाएं
कांटे कैसे दामन बचाएं?
पतझड़ में देखो बहारों का
ये बखूबी एहसास कराएं।।
Nov 2021 · 120
Thought of the day
Mohan Jaipuri Nov 2021
अन्न मुगतां, घी जुगतां


(Means: Fulfill needs, control luxuries)
Mohan Jaipuri Nov 2021
अक्कल नै बाड़ी नीपजै , हेत नै हाट बिकाय।
Means wisdom doesn't grow in bed & love isn't found in the market.
Mohan Jaipuri Oct 2021
उधर सिर पर दिवाली
इधर ब्रेकर ने पगड़ी उछाली
बिजली वाले तेरी तो
आज शामत आ ली।।
@ Mehrasar breaker pole damage this morning at 6:56 hrs.
Oct 2021 · 127
आज की कमाई
Mohan Jaipuri Oct 2021
आज की कमाई
मूली के पत्तों की सब्जी खाई
और दूसरी मेरी बातों से
दो चेहरों पर मुस्कान आई।।
Mohan Jaipuri Oct 2021
दोस्त वह जो दिल को जाने
रिश्ता वह जिसकी अनुपस्थिति
को दिल कभी ना माने।।
Mohan Jaipuri Sep 2021
लोगों की हर गलती को नादानी समझा
शख्सियत आप सी देखी ना दूजी उम्दा
मामला कितना भी क्यों ना हो पेचीदा
आपकी समझ और शब्दों से हमेशा सुलझा।।
Mohan Jaipuri Sep 2021
सोच बड़ी है गणेश मस्तक
सूक्ष्म परीक्षण हैं छोटी आंखें
सूपकर्ण कहें छांटो अच्छाई
सूंड‌ सुझाये सक्रियता मेरे भाई
समाये हर अच्छाई और बुराई
इतना वृहद उदर हो मेरे भाई ।।
Happy Ganesh chaturthi to HPians
Mohan Jaipuri Sep 2021
जिंदगी एक सफर है
जिसमें राहें हैं अनेक
कुछ जाती मंजिल को
तो कुछ छीनें‌ विवेक
सच्चा शिक्षक जो मिले
तो बदले भाग्य‌ रेख।
# Happy Teachers day in India
Mohan Jaipuri Sep 2021
देशी बाजरे की रोटी
ग्वार फली का साग
मरू भूमि के चोमासे
का अद्भुत उपहार
दही भैंस के दूध का
जिसकी काचरी सी‌ आभा
मिल बैठ खायें- पीयें
तो अच्छी हो शोभा।।
Mohan Jaipuri Aug 2021
सुबह तीन किलोमीटर दौड़ लगाई
कृष्ण जन्माष्टमी प्रभु का ध्यान धराई
आपकी कृपा से हलवा बनाई
पहले आप के भोग लगाई
फिर मेरे पेट की हुई भराई
श्रम पहले फिर चाहे जो खाई
यही आदर्श मेरे समझ में आई।।
Happy Krishna Janmashtami to all HPians
Mohan Jaipuri Aug 2021
यह तीज ना‌ होती तो
तीजणियां‌ ना सजती
तीजणियां ना‌ सजती तो
सावन‌ में बहार तो होती
परन्तु रंग व‌ उमंग ना‌‌ होती
तीज में‌ रंग तीजणियां हैं भरती
दोनों मिलकर श्रृंगार उत्सव‌ रचती।।
Aug 2021 · 142
Tale of weekend
Mohan Jaipuri Aug 2021
Friday takes me to spouse
Saturday gives a free hand
Sunday brings plan & complain
Monday back to same lane
Mohan Jaipuri Aug 2021
आज लड़कियां हारी नहीं हैं
बल्कि दब गई इनमें चिंगारी है।

अगले ओलंपिक बनके शोला दहक उठेगीं
तब पड़ने वाली दुनिया पर ये भारी हैं।

जितना तपता सोना है
उतना निखार आता है।

आज नहीं तो क्या हुआ
कल हमें जीतना आता है।

पहुंच सेमीफाइनल मान तो देश का बढा ही दिया
बस पदक जीतना बचा है
ऐसे ही जज्बा बरकरार रहे
अगले ओलंपिक स्वर्ण तमगा पक्का है।

विजेता की तरह आपका
स्वागत वापसी पर पक्का है
पलकों पर बिठाएगा यह देश आपको
इसमें जरा भी नहीं शंका है।।
Aug 2021 · 257
मित्रता
Mohan Jaipuri Aug 2021
भूल गया मैं अपने आप को
दुनिया की कसौटी पर खरा
उतरने की कोशिश करते-करते
ये दोस्त ही हैं जो बात-बात पर
मेरी लंगोटी हैं खींचते
और मेरी स्मृतियों की चोटी‌
पकड़ते-पकड़ते मुझ तक
अब भी हैं पहुंचते।।
# Friendship Day in India
Mohan Jaipuri Jul 2021
जी करता है आंसूओं का सैलाब छुपाने को
मगर बारिशों को कद्र कहां मेरे जज़्बातों की
गर नहला‌ देती मुझको ये अपनी मुसलाधार में
मेरे‌‌ अश्कों को‌ भी‌ मिल जाती मंजिल मुरादों की।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
पीले वस्त्रों में तुम गेंदे का फूल लगती हो
दिलो -दिमाग पर छाने वाला नूर लगती हो
आती होंगी जो हवायें वहां से वो सेंसर होती होंगी
तभी तो हम तुम्हारी तस्वीर देख रहें हैं
वरना शायद हम सुगंध से मदहोश हो गये होते
और तुम्हारे नूर के नगमे गाकर बदनाम हो गये होते।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
कभी शायरों की महफिल में खो कर देखो
रंजो गम के दरिया में खुद को डुबोकर देखो
भावनाओं की नाव को बहते हुए देखो
दरिया के उस पार बैठी आशा‌रूपी दुल्हन
उस दुल्हन के घूंघट को कवियों के
शायरीरूपी कर से उठते हुए देखो
तब स्वयं  ही समझ जाओगे
कवि की कल्पना को लेखो-जोखो।
# open mic eve
Jul 2021 · 193
सौदागर
Mohan Jaipuri Jul 2021
अब मैं उन हवाओं का सौदागर हूं
जो बीते मौसम साथ लाती हैं

घर ,खेत, बाग-बगीचे तो क्या अब
बाजारों की रौनकें भी रास नहीं आती हैं

तुझसे बिछड़ कर ही यह जाना
नजदीकियां कितना दुख पहुंचाती हैं

दिन की रोशनी अब तेरा अक्स नहीं
रातें भी डायन बन‌ कर बहुत डराती‌ हैं

भूल गए दुनिया वाले तेरी जो बातें
मुझे वो ही बातें हर पल याद आती हैं।।
Mohan Jaipuri Jul 2021
आज बादल बरसे हैं
गर्मी के नखरे उतरे हैं
देख धरा का सुर्ख रंग
मन में सतरंगी सपने बरसे हैं
ज्यों ज्यों झड़ी लगती गई
चाहत की अग्नि सुलगती गई
अभी तक बाहर‌ गर्मी थी
अब भीतर सुलगे शोले हैं
कभी ना भ्रमित इनसे होना
तेरे सपनों में‌ कोई‌‌ रंग नहीं
यह प्रकृति के हिचकोले हैं।
Jul 2021 · 90
Proper reading matters
Mohan Jaipuri Jul 2021
You may feel as if
a blooming flower
If you have been
able to read
Wife's attitude
properly at home
And Boss's mood
at work place
Home is heaven
if wife is happy
Work place is temple
if boss is at ease
Otherwise praise
may turn into rage.
Jun 2021 · 103
Take them all alike
Mohan Jaipuri Jun 2021
Some days start bad
But end good
Others start good
But end bad
Take them all alike
Only with difference
Some on the carpet
while others should
be laid under it.
Mohan Jaipuri Jun 2021
ना पेट हिलाना योग है
ना व्यायाम करना योग है
ना उपदेश देना योग है
ना गायन वादन योग है
स्वंय को केंद्र में ना रख कर
दूसरों के हित के लिए कार्य योग है।

आज इस योग दिवस पर
कुछ योगियों को सलाम करता हूं
मेरे लिए तो बस यही योग है
इतिहास में कृष्ण कर्म योगी थे
जिन्होंने दुराचार मिटाया
स्वयं का कोई हित नहीं था
दूसरों के हित के लिए युद्ध को भी
दुनिया के उद्धार का मार्ग बनाया।

इस आर्थिक युग में रामदेव योगी है
जिसने योग में स्थित होकर भी
व्यापार का बेड़ा पार लगाया
और मानवता को निराशा से
उबारने का योग को जरिया बनाया व
विश्व में योग नाम फिर से बुलंद कराया।

व्यक्तिगत जीवन में दो योगी‌‌ हैं
जिनसे बार-बार मुखातिब हुआ
एक हैं भीमनाथ जिन्होंने वकालत
को भी समता में जीने का जरिया बनाया
दूसरा भुवनेश कुमार
जिसने नौकरशाह के टैग से हटकर
दोस्ती के धर्म को जीवन का आधार बनाया।

#योग दिवस पर योगियों को सलाम
Jun 2021 · 148
Front Page
Mohan Jaipuri Jun 2021
Oval shaped face
Tight tied silky hairs
Wheatish skin colour
Black & bright eyes
Skilful gaze as rays
makes you a front page
Simplicity makes you perfect
Intelligence makes you correct
Sensing all these is like a nice sce
Which hopefully creates for me a sense of being adjacent
Further the Red attire
Makes you perfect
for never to retire
Mohan Jaipuri Jun 2021
दर्द की फिक्र
जब तक वास्ता ना पड़े
हकीम के हाथ से
जब वास्ता पड़े
ज्ञान‌ का पुलिन्दा फिर
काम ना‌ करे
अपने पराये सब
दूर ही खड़े
सब कुछ भूल
राम नाम ही उचारे
सत्य का दर्शन
बस यही है प्यारे ।।
# On facing the molar extraction this afternoon.
May 2021 · 124
Menstrual Hygiene
Mohan Jaipuri May 2021
Girls bleeding
is not an impure deed
Civilization exist
because they bleed
In fact it needs proper
hygiene care & guidance
So that it can pass without
any infection & nonsense.
# menstrual hygiene day
May 2021 · 155
धै तेरे की
Mohan Jaipuri May 2021
कभी होती थी सांत्वना थेरेपी
सहारा बन के देते थे प्रेरणा थेरेपी
अब आई है झापड़ थेरेपी
उस पर रोना थेरेपी धै तेरे की।।
May 2021 · 226
चलमित्र
Mohan Jaipuri May 2021
सिनेमा तो चलचित्र है
मोबाइल मेरा चलमित्र है
यह बिन मास्क ही बात‌‌ करता
देखो कितना सशक्त चरित्र है।।
May 2021 · 138
My mobile- My toolkit
Mohan Jaipuri May 2021
My mind has no meaning
unless I have my mobile with me
The most intimate friend
today is my mobile to me
This dependence is horrible
but nothing alternative to me
Reading, writing, editing,
and even publishing for me
Listening,Viewing, reviewing,
and informing all it to me
Borrow , credit, payment,
even mini bank it to me
Hope, happiness, laugh,
Cry and even sorrow it to me
Relationship, self-help,love,
Inspiration and even toolkit to me
Cooking, eating, enjoying, sleeping and even getting up guide to me
Leader, pleader, newspaper,
Journalist and eye opener to me
School, office, society , playfield,
friendcircle & race course to me
Bus, train, aeroplane, ship,
holiday & holydip arranges for me
Hospital, community centre, doctor,
gym & liberary arranges for me
Only communication with god
and his wish inaccessible to me
That is why it is called mobile otherwise It had been a god to me.
May 2021 · 130
A writer
Mohan Jaipuri May 2021
A writer is a person
Most difficult to please
When he is on writing sprees
&
Most simple to please
When someone catches
him in morning breeze
# on receiving the GGP membership certificate in the morning.
Mohan Jaipuri May 2021
यों तो हम सभी मिट्टी के खिलौने हैं
जिनके अनिश्चित से ठिकाने हैं
यह बेरहम दुनिया इन खिलौनों
से तरह-तरह से खेलती है
एक पिता ही वह हीरा है
जिसने अपने संस्कार और तालीम
की‌ शिल्पकारी से‌ तुझको
नाज़नीन से बेनजीर बनाया है
बख्शे खुदा जन्नत उनको‌
जिसने तुझे कांच से हीरा‌ बनाया है।।
# RIP Siraj Sir father of Nazneen
# Condolences Nazneen- a budding writer
Mohan Jaipuri May 2021
परेशानी चाहे कितनी भी हो
मैं अपने कपड़ों की क्रीज टूटने नहीं देता
मेरा बस एक यही हुनर है
जो लोगों को सुकून लेने नहीं देता।।
Mohan Jaipuri May 2021
आयी घणी अडीकतां
आ ' होटल' अबकी बार
चोखो नांव कमाईजे
इण 'अमेजण' रै बैजार।।
# publication of my 4th anthology "HOTEL"
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