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May 2021 · 104
खेला होबे
Mohan Jaipuri May 2021
खेला तो कई बार होबे
परंतु एक टांग पर प्लास्टर चढ़े
और रणचंडी बन आगे बढ़े
ऐसा मंजर पहली बार होबे
कई टैगोर के लिबास में डूबे
फिर‌ भी चौबे से बन गए दुबे
हाय! ऐसी पिटाई फिर ना होबे।।
# Results of 5 Nos assembly elections in India .# West Bengal TMC victory.
Mohan Jaipuri Apr 2021
कोरोना की जंग में ना करो हृदय तंग
अफवाहें छोड़कर टीके लगवाओ
मन में भरकर त्योंहार जैसी उमंग
कोरोना का नाम तो मिट ही जाए
दुनिया भी देख- देख रह जाये दंग।।
#Had first dose of covishield yesterday. No any kind of problem felt .
Apr 2021 · 120
World book day
Mohan Jaipuri Apr 2021
Our books represent
Our friendship
Our guides
Our character
Our life style
Our passion
Our hope
Our rise
Our collection
And above
all our routine
Be with books
Read books
Write books
Mohan Jaipuri Apr 2021
यूं ही नहीं हैं हम उसकी
यादों के साये में कैद
याद है हमें उसकी हर
मसला‌-ए- जद्दोजहद।।
Apr 2021 · 86
Sea or moon
Mohan Jaipuri Apr 2021
They say
Love has depth
Should we call
Our love the sea
instead of
the moon?
Apr 2021 · 126
All about time
Mohan Jaipuri Apr 2021
I want to be happy
in an environment
Where fear is growing on
while show is going on
Nothing is wrong
But nobody can song
Hospitals are full
But other activities
are silent & dull
Seeing this
I keep lull &
Scratch my
Skull.
Apr 2021 · 104
दुनियां
Mohan Jaipuri Apr 2021
यह दुनिया ऐसी महफिल है
जहां दूसरे तमाशबीन बनते हैं
अपने भलाई की दुहाई देकर
दामन ही जला डालते हैं।।
Mohan Jaipuri Apr 2021
बन बादली तू आई
स्नेह और उल्लास लेकर

        जब तूने मेरे मार्ग को अख्तियार किया
        तब मैं उपकृत हुआ
        अब ओनर्स से मास्टर डिग्री लेने पर
        मैं सचमुच तर गया

सच में तुमने लिख दिया
फिर मेरा इतिहास नया

        मैं जब भी जागते हुए सपने‌‌ देखता
       तेरी सफलताओं की‌ कामनाओं में खो कर
‌      लोग मुझे अज्ञान कहते
        मरुस्थल में अंगूर उगाने का नाम लेकर

मिट गई कुछ तो पीर मेरी
जब तूने लिखा मेरा इतिहास नया ।।

‌ ‌
# On getting M.Tech. with Honours in Power System Engineering by my daughter.
Mohan Jaipuri Apr 2021
बहुत गीले तुझको भी हैं
मुझको भी हैं मेरी जाना
नहीं रूकता फिर भी दिलों
का एक-दूसरे के लिए तड़पना
अगर गुजरना पड़ा इस बियाबान से
यों ही कभी तन्हा तो भी रूह कहेगी
जरा उसकी गली से होकर लेना।।
Mohan Jaipuri Apr 2021
तीन शब्दों का यह वाक्य
जिसने पिछले तीन‌ दिन से
उड़ा दी थी मेरी नींद
आया है जो कौटिल्य अर्थशास्त्र से
सदियों से होकर प्रवीण
आज भरी जब आय विवरणी तो
पाया नहीं‌‌ कोई‌ कागज इससे विहीन
बातें की‌ और गूगल किया
तो पाया कुछ ऐसा सार
साझा कर रहा हूं सबसे
आप करना इस पर विचार
कोष तो है राजस्व
मूल से मतलब आधार
दण्ड प्रतीक है
राज्य प्रशासन का
जिससे विकास बनता साकार
इस तरह इस वाक्य का मतलब है
"राजस्व राज्य प्रशासन‌ का आधार "
इसलिए बिना डर करें इसका सत्कार
और बनें देश के विकास में भागीदार।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
होली पर चारों ओर चंग हैं
गीतों में जवानी की तरंग है
बुढा या जवान हर कोई नवरंग है
मौसम में भरी अद्भुत उमंग है
      यह तो जाम है जो आज भी अपने ही आयाम है

चांद भी पूरा है
तारों की चमक में तारिकायें
लग रही स्वर्ण घट की सुरा‌ हैं
ऐसे में होली तो बस बहाना है
यह योवन की कुश्ती नूरा है
       यह तो जाम है जो आज भी देता सही पयाम है
कई हृदय तंग हैं

बाहर उमंग, भीतर एक जंग है
जीवन बदरंग है
सिर्फ सपनों में ही रंग है
       यह तो होली का जाम है जहां आशा कायम है
Mar 2021 · 187
फोग
Mohan Jaipuri Mar 2021
बसंत की आभा है न्यारी
जहां फलती वनस्पति बिन तोय
'फोग' जैसा मरूधर योगी
इस मौसम फलित होय।।
Mohan Jaipuri Mar 2021
सोरम आवै सुवावणी
जद आयो फागण  मेह
डूंगै सासां म्हे पिवां
हिवड़ै भीतर नेह।।
# World poetry day. Promotion of linguistic diversity. Dialect Rajasthani.
Mohan Jaipuri Mar 2021
कविता वक्त का रोचक बखान है
यह हर भाषा की जान है
ऊंची कल्पना की उड़ान है
कवि हृदय का आख्यान है।

          कविता कभी हरित क्रांति
          तो कभी श्वेत क्रांति है
          कभी बूटों की दुखान्तिका
          कभी कोरोना से आतंकिता है।

समय चाहे कैसा भी हो
यह उससे आगे रहती है
दुनिया की हकीकत
कल्पना से ही प्रेरित होती है।

          कविता में बड़ी भाषाएं सागर हैं
          बड़े कवि ज्ञान का पारावार हैं
          छोटी भाषाएं नदियां हैं
          और छोटे कवि उनकी लहरें हैं
          जिन के संगीत सुनहरे हैं।।
# world poetry day. Dedicated to all poets and poetesses of this forum.
Mar 2021 · 92
Red alert
Mohan Jaipuri Mar 2021
Love is a mutual bond
If you share it
It will care
If you take it as flirt
It will blur
And create a red alert.
Mohan Jaipuri Feb 2021
आज पैरों में घुंघरू बंधे हैं
और सांसों में है सरगम
मन मयूर यूं नाच रहा है
जैसे लहरा दिया हो परचम
राज बस इतना है
कागज पर लिखते-लिखते
अब पहुंच गया मैं किताब तक
आसमानी कहानियों के संग
पाया अपना मील का पत्थर
अब पहुंच गया मैं बाजार
सोशल मीडिया से निकल कर।।
My first reactions on becoming a co- author in an anthology named"wings of my dreams" with Seraphic Tales.
Mohan Jaipuri Feb 2021
गांव से कल भाई आया
लाया बिलोने का घी
कुदरत ने पलटी मारी
मुझको लग गई सी
हालात-ए- मौसम देख
मेरा ललचाया जी
बस उठाया कड़छी पलटा
हलवे की मुराद पूरी कर ली।।
Mohan Jaipuri Feb 2021
'किस्स' का भी अजीब सा किस्सा है
फूलों को 'किस्स' करो तो भाव
विनम्रता और सरलता का जागता है
एक छोटे बच्चे को 'किस्स' करो
तो मन ऊर्जा से भर जाता है
बीवी को यदि 'किस्स' करो
जीवन में सुकून बना रहता है
प्रेमिका को 'किस्स' करो
तो नशा ज्यादा होता है
पर मन आशंकित ही रहता है।
Feb 2021 · 138
Chocolate day
Mohan Jaipuri Feb 2021
A chocolate is
the symbol to say
"You are sweet"
And therefore
I applied this
to myself to
eat & tweet
but reply came
from withing
for a single
It is bittersweet.
Feb 2021 · 114
Rose day
Mohan Jaipuri Feb 2021
Roses are red, yellow
Pink, peach, blue
And lavender
There are some
persons on the
HP plateform
to whom my
emotions I surrender
My intention is
Expression of
platonic feelings only
Therefore I choose
Yellow roses for
them affectionately.

🌹🌹🌹
Happy rose day to all my loving friends and followers here on this HP plateform.
🌹🌹🌹🌹🌹
Feb 2021 · 128
एक चुभन
Mohan Jaipuri Feb 2021
लफड़े जिंदगी में अपने आप आ गये
जैसे पेड़ पर बर्र के छात्ते छा गये

ढूंढने की कोशिश की किसी दर्द का तोड़
नए दर्द आने की लग गई होड़
आशाओं के आगोश में झूलते रहे
नए-नए दर्द फलते -फूलते रहे
     ज्यों ज्यों हृदय पर पत्थर रखते गए
     पत्थरों में भी नये शूल उगते गये

अपनों के अपनत्व पर हम फूलते रहे
वो पीछे - पीछे चलते पैर उखाड़ते रहे
उम्र के साथ हम किसी‌‌ तरह पैर साधते रहे
अपना मन किसी तरह बहलाते रहे
     लोग हर तरह की नैतिकता को लांघते गये
     आदर्शों के बोझ से खुद में ही दफन होते गये

वक्त को भी हम कुछ नागवार गुजरते रहे
काठी छिन गई , कहकहे खामोशी में बदलने लगे
पिंजड़े उजड़ने लगे ,खामोशी बोलने लगी
प्यास अभी बाकी है पर घुटन सी होने लगी
     खामोशी के मंजर में जब डूबते गये
     जख्मों के दर्द में‌ लब सीलना‌ सीखते गये।।
Mohan Jaipuri Feb 2021
पेट सफा
तो सबसे वफा
पेट खफा
फिर जफा
ही जफा।।
😄😄😄
Jan 2021 · 136
Identity
Mohan Jaipuri Jan 2021
Our creativity
is our first
Identity.
Jan 2021 · 99
मेरे चांद
Mohan Jaipuri Jan 2021
जैसे चांद के बिना
समुद्र में ज्वार नहीं आता
और कीमती पदार्थ
किनारे नहीं आते
वैसे ही मेरे चांद
के निकले बिना
मेरे हृदय में ज्वार
नहीं उठता और
कीमती मोती रूपी
शब्द बाहर नहीं आते।।
Jan 2021 · 114
Life with wife
Mohan Jaipuri Jan 2021
Wife
A flower
A butterfly
Depends
On how
You apply.
Jan 2021 · 79
पतंग से...
Mohan Jaipuri Jan 2021
एक अनूठा त्योहार
पतंगों की बहार
छतें हो गई आज संसार
तिल और गुड़ का उपहार
बंद दरवाजों में घुटते
मन के लिए धूप
और ताजगी भरी हवा
की नई हुंकार
पतंगों की उड़ान से
सबके जीवन में
नई उमंगों का है संचार
फिर भी हैं किसान बेजार
और खेत हैं बिन कामगार
अरे !पतंग तुझसे है एक गुहार
धरती पर कोई सुने ना सुने
तू आकाश पर पहुंचा दे
इन की पुकार
जहां पर गांधी शायद
इनका दर्द ले ले उधार।।
Jan 2021 · 147
A pretty fact
Mohan Jaipuri Jan 2021
Moms create
But
Wives mould
Our lives
Dec 2020 · 76
Learnings from 2020
Mohan Jaipuri Dec 2020
Two thousand twenty
Learning has been plenty
From household chores to
Clothes washing, ironing
And Self hair cutting
Less expensive living
with only fifty in wedding
Vehicle less journeying
Medicineless curing
Classless teaching
Officeless working
But homes remained
boring inspite of whole
familys' collective praying
Dec 2020 · 73
Humanity
Mohan Jaipuri Dec 2020
Rising oceans,
A warming globe
Savage storms,
A warning foretold
Helping hands
Never forgotten
Keep it on from
Hearts' bottom
Comes praise
Share with humility
Otherwise treat it
Your duty
This is the way
Works humanity.
Mohan Jaipuri Dec 2020
भारत में यदि उमड़ पड़े
जड़ों के प्रति चाव औ
किसानों का पड़ाव
फिर कोई ना रोक सके
चाहे राम हो या राव।।
Mohan Jaipuri Dec 2020
रोज साझा करते हैं
बातें भौतिकता वाली
चलो आज एक दिन
करें बातें कर्मों के सार वाली।

     जब - जब मिलते हैं
     और जो - जो मिलते हैं
     बातें सिर्फ करते हैं
      'मैं' हूं वाली
गीता के प्रकाश में चलो आज
जलाएं इस 'मैं' की होली।

   हमारे शरीर के साथ-साथ इस जहां में
   हम ठिकाना पहले से ही तैयार पाते हैं
    लेकिन यह बात हम
    समझ कब पाते हैं?
गीता के प्रकाश में चलो आज
ढूंढते हैं इस रहस्य की खोली।

     ऐसे लुट रही है जिंदगी
    और हम अनजान बनकर बैठे हैं
    सच तो यह है कि हम व्यर्थ
    इच्छाओं की गठरी लेकर ऐंठे हैं।
आओ गीता के ज्ञान से
इन इच्छाओं की गठरी को कीलें।
Mohan Jaipuri Dec 2020
दिल में दहशत
सांसों‌ में‌‌ सांसत
दो‌ हजार बीस की
ये कैसी वहशत ?
Mohan Jaipuri Dec 2020
ये कैसा किसान‌ दिवस आज
किसान बैठे हैं सड़क पर
और खेत हैं सुनसान।
     आज सुनकर इनकी बात
     कुछ तो करो राह‌ आसान
     धरती‌ बिछोना‌ अंबर चादर
     ऊपर से सर्दी है पूरे परवान
यों ही‌ कोई नहीं त्यागता
खुली सड़कों पर‌ प्राण
     जहां शंका है वहीं
     जन्म लेता है समाधान
     जहां विघटन है वहीं
     जन्म लेता है संगठन
बस नियत‌ हो साफ और
उद्देश्य हो कल्याण
      मुद्दा‌ जिद का नहीं है
     ये है किसान के जीवन का सवाल
     उपजाने के‌ बाद में हमेशा ही
     औने-पौने दामों में लुटता उसका माल
बड़े-बड़े व्यापारियों से प्रतिस्पर्धा से
दिला दो इसको त्राण
      कहते हैं देश की समृद्धि का
     रास्ता गुजरता खेत- खलिहानों से
     खेत - खलियान आबाद होते हैं
      किसानों की खुशहाली से
इस देश की खुशहाली को
बचाने का आज करो कोई ऐलान।।















Farmers day is celebrated in India on 23rd Dec. It is the birthday of late PM ch. Charan singh who is known as " champion of india's peasants"
Dec 2020 · 59
Positive Change
Mohan Jaipuri Dec 2020
Role model should be as per
our conscience demand
While spouse should have
less demand
This brings our life in
the best command.
Dec 2020 · 82
Kingdom: Nowadays
Mohan Jaipuri Dec 2020
Years ago
Siblings and cousins
Came in kingdom
Had a nice time
in a wedding's freedom
As the parents were
busy & watched their
activities seldom.

Then they came again
this time in kingdom
and found it under
covid's feardom
and may go out
only accepting
mask as ransom.

On coming out it
was difficult
to understand
whether capital
is having farmers
or farmers are
having capital.

Then they heard
If farmers don't
accept the three
Agri laws it is
called talks failed
This is the actual
scenario they nailed.
Dec 2020 · 96
मेरा राजा
Mohan Jaipuri Dec 2020
राजा था राम, राजा था कृष्ण
दुनिया को जिन्होंने दिया
पुरुषोत्तम और पुरुषार्थ का दर्शन
कलयुग में अब कहां हैं राजा
चारों तरफ बजता है
झूठ ,फरेब का बाजा
फिर भी कहीं देखना है
यदि राजा का अक्स
लग जाओ पिता के वक्ष
वो सच्चा पालनहार शख्स
जो देता है बिना प्रदर्शन
मिलकर होगा आत्मदर्शन
वही है मेरा सच्चा राजा
साथ जिसके रहकर होता
मेरा सदा यश वर्धन।।
Dec 2020 · 73
Earth is heaven
Mohan Jaipuri Dec 2020
Heaven
is an imagination
by those who aren't
happy,healthy, wealthy
& honoured on this
         earth
Those who enjoy
everything here don't
want to leave this world
even in severe
      dearth.
Mohan Jaipuri Dec 2020
बोर्डर कहता मुझ पर
कभी‌ ठहरना मत
वरना होगा विप्लव
घर के बॉर्डर नजरें जो ठहरे
तब पड़ोसियों में उपद्रव।

देश के बोर्डर सेना टिके
तब मानवता घुटने टेके
राजधानी बॉर्डर किसान डटे
तब अर्थशास्त्र कोने में सिमटे
साड़ी बॉर्डर नजरें टिके तो
समझो पांचो पांडव बिके
सदा करो बॉर्डर का सम्मान
इसमें है सबका कल्याण।।
Mohan Jaipuri Dec 2020
सरकारें आती हैं
सब्सिडी, लोन,
बिजली से भरमाती हैं
कर्ज के परिणामों से अनभिज्ञ!
     किसान हंसता है
     कुछ नकली हंसी
     कुछ राहत की मदहोशी
यह देख सरकार
पैंतरा बदलती है
अनाज को
खुले बाजार की सुपुर्दगी
का निश्चय करती है
     किसान रोता है
     अपना आपा खोने पर
     मजबूर होता है!
Mohan Jaipuri Dec 2020
मेरा बचपन सीधा था
           बीता गोरे धोरों में।
सूरज उगते खेत पहुंचते
घर आते थे तारों में
खेतों में मोर-पपीहे बोलते
पशु चरते थे कतारों में
              घरवालों से खूब डरता
            बात समझता था उनकी इशारों में।
शाम को खाने में हमेशा खिचड़ी
दही रोटी का कलेवा था
दोपहर में सांगरी की कढ्ढी
संग बाजरी की रोटी का चलेवा‌ था
                 सर्दी जुकाम में चाय पीता
                 यही आदत थी चलन में।
स्कूल चलती थी छप्पर में
ना झंझट था गणवेश का
पानी लाना, रोटी बनाना
शामिल था गुरु सेवा में
बारहखड़ी और पहाड़े बोलना
मिलता था बस मेवा में
                गुरुजी के डंडे का खौफ
               अक्सर सताता था नींदों में।
प्राथमिक बाद दूसरे गांव गया
पैदल पढ़ने मीलों दूर
घरवालों से पढ़ने के लिए
करता रहता मैं जी हुजूर
         इक्कीस रूपये सालाना फीस की खातिर
          कई दिन व्यर्थ होते थे हल चलाने में।
मैं बैठता था पढ़ने घरवाले
ताना देते थे काम चोरी का
कभी-कभी तो छीना- झपटी में
वो रख देते थे कनपटी में
             मां के साथ और आशीर्वाद से
             सदा अव्वल रहा पढ़ाई में।
मां सरस्वती की कृपा थी
काम चलता रहा वजीफे में
दोस्तों और शुभचिंतकों की‌
दुआएं भरता रहा मैं झोली में
                ऐसा करते - करते ही
                पहुंच गया जवानी में।।











‌ ‌ ‌
Dec 2020 · 79
लोमड़ी
Mohan Jaipuri Dec 2020
लोमड़ी ! ए लोमड़ी!
चतुर चालाक तू पशु बड़ी
तू खेतों का रूप है
तेरी 'डो' 'डो' आवाज
मुझको लगती प्यारी बड़ी
फसलों को चूहों से बचाती
तेरी चप्पल चालाक
नजरें उन पर गड़ी-गड़ी
तेरी खोदी हुई मांदों में
हम छुपते थे घड़ी-घड़ी
देखते थे तेरी पूंछ
फूल झाड़ू जैसी बड़ी-बड़ी
लोमड़ी! ए लोमड़ी!..

मतीरों के खेतों में
तेरा फेरा लगता ऐसे
जैसे हो मंदिर की फेरी
चौकस नजरें और स्फूर्ति
तेरे शिकार पर पड़ती भारी
तेरी चपलता और चेष्टा
की है महिमा बहुत न्यारी
इसलिए ही जग में तू
मशहूर है चालाकी धारी
लोमड़ी! ए लोमड़ी!
चतुर चालाक तू पशु बड़ी।।
Mohan Jaipuri Dec 2020
उतार आए हैं सिर से
सारे ही बोझ
बैठे हैं सीमा पर चाहे
पुलिस आये या फौज।
       कभी मौसम ने लूटा
       कभी महामारी
       हम सहते रहे
        सारी दुश्वारी
दु:खों की कतार
हमने देखी है रोज।
       अस्तित्व कुछ होता है
       यह हमें ना मालूम
‌        सभी हमें छलते हैं
      हमें पहचान की ना तालीम
धरती से ही जुड़े हैं
बस यही एक मौज।
       हमें किसी से अपेक्षा नहीं
       फिर भी यह कैसी जबरदस्ती
       कृषि सुधार का टोकरा
    लेकर आ गया राज रूपी हस्ति
      सांसे हो गई महंगी गर्दन है सस्ती
अब तो भूल चुके हैं
करना अपनी ही खोज।
Farmers agitation in India.
Mohan Jaipuri Dec 2020
दिसंबर की धूप
लगती दुल्हन का रूप

       रहती कोहरे के
     घुंघट में सिमटी सी
    निकलती लंच के समय
       शरमाती सी
सरकती ऐसे जैसे
मेहंदी वाले पांव सरूप

       देती है बस एक
      अबोली झलक
      जाना हो जैसे
     उसे पीहर तलक
कर जाती है हवाले ठण्ड के
जो रहती सीने में कसक स्वरूप।।
Dec 2020 · 65
जीवन सार
Mohan Jaipuri Dec 2020
सफलता के लिए
ईश्वर का स्मरण व
स्वयं का पुरुषार्थ
खुशी के लिए
माता-पिता का
सदैव सिर हाथ
सम्मान के लिए
परिवार का साथ
अन्यथा भटकना
है यहां‌ अकारथ।।
HBD Vivek my son and the above message for you with blessing.❤️❤️❤️❤️❤️
Nov 2020 · 61
उसूल
Mohan Jaipuri Nov 2020
मेरी खुशी
यारों की अमानत है
मेरी जिंदगी उनकी
दुआओं से सलामत है।

मैंने जिंदगी के फर्ज
निभाए हैं फिल्मी तर्ज
अब इस ऊंघते से समय में
नहीं है कोई मर्ज
ठहाके लगाने में अब
नहीं है कोई हर्ज।

मेरी बातों में अब
नहीं है कोई रंज
मेरी चालों में
नहीं है शतरंज
मैं तो टिमटिमाता
दीपक हूं ख्यालों का
जिसको इंतजार रहता
यार मतवालों का।

मैंने अपनी जिंदगी पर
समझा नहीं अपना हक
इसलिए जो करना है
करता हूं बे-शक
जीता हूं आज को
ना करता चिंता नाहक।।
Mohan Jaipuri Nov 2020
माना चारों तरफ मंदी है
ऊपर से कोरोना काल
मिलने की अभी सूरत नहीं
अकेले पड़े हैं निढाल
ऐसे में सोशल मीडिया
पर ही महफिल सजाओ
ले तकनीक की ढाल
खुद को इतना मजबूत करो कि
डरा ना सके ये जाड़े का जंजाल
सारे शायरों जवान हो जाओ
श्रोता और पाठक हो‌ जायें निहाल।।
Mohan Jaipuri Nov 2020
कार्तिक तक ठंडे से नहाये
थी दिवाली की आस
अब मार्गशीर्ष ले आया
जाड़े की सौगात
गर्म पानी नहाना शुरु किया
अब सिर खुश्की का वास
फाल्गुन जब आयेगा तब होगी
ठण्डे से नहाने की औकात।।
Nov 2020 · 60
Words
Mohan Jaipuri Nov 2020
Be cautious
While using words
Coz these live
longer than us.
Nov 2020 · 112
मर्यादा
Mohan Jaipuri Nov 2020
रखो शब्दों की मर्यादा,
इनकी उम्र है हम से ज्यादा।।
Mohan Jaipuri Nov 2020
जिसने भूत को छोड़कर
वर्तमान में जीना सीखा है,
वह यह नहीं देखता
कि पीछे छूटा क्या है?
रूह उसकी कभी टूटती नहीं,
जिसका खुदा खैरख्वाह है
दीपक का काम‌ है प्रकाश देना
भले ही खुद का पैंदा स्याह है
मेरे दुर्गुणों का हिसाब न रखना
उनका फल मुझे ही मिलना है
मेरे सद्गुणों को ही याद रखना
यही मेलजोल की एक राह है।।
Happy Diwali " the festival of lights in India today" to all HPians. Wish you all stay safe and healthy.
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