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May 2024 · 149
यारी
Mohan Jaipuri May 2024
यारी वह आरी‌ है
जो‌ बड़ी से बड़ी दु:ख
की रात काट सकती है
जुल्फ वो घटाएं हैं
जो बिन बरसे ही
लताओं का आभास
करा सकती हैं।।
May 2024 · 85
आखातीज
Mohan Jaipuri May 2024
म्हारी आखातीज
घी‌-खीचड़े रो भोग
जे सागै खाटो मिलज्या
रैवां बारों मिनहां निरोग।
खेत में सोनचिड़ी दिखज्या
फोगड़ां गां सीटा
रामजी छांट करदे
सुगन मानां मोटा।
के तो घरै बीनणी आसी
के भरसी कोठ्या मोटा
बारों मिनहां धीणो रैसी
पीसां रो नीं होसी टोटा।।
May 2024 · 78
तन्हाई
Mohan Jaipuri May 2024
मत तन्हाई की बात करो
जरा इस पर‌ भी गौर करो
मयखानो ने बोलने की आजादी दी
आंखें मिलीं तो खामोश हो गया।।
May 2024 · 178
लिबास
Mohan Jaipuri May 2024
तुलना ना करना कभी
मेरे लिबास के शौक की
मेरे कफ़न से
लिबास मैं  खुद तय करता हूं
कफ़न मेरा दूसरे तय करेंगे।।
May 2024 · 74
फिसलना
Mohan Jaipuri May 2024
लोग फिसलते उम्र के हर मोड़ पर हैं
रफ्तार फिसलने की उम्र बढने
पर थोड़ी कम  हो जाती है
दिमाग लगाने को थोड़ा वक्त मिल जाता है।।
May 2024 · 87
राधा
Mohan Jaipuri May 2024
तारे हैं पूरे, चांद है आधा
उल्लू की आवाजें नींद में बाधा
छत पर ना सोना अकेले
यदि साथ ना हो अपनी राधा।।
Mohan Jaipuri May 2024
कुछ लोगों से यह नहीं पूछा जाता कैसे हो
उनसे मन ही मन पूछा जाता है क्यों हो?
फिर मन ही जवाब दे देता है
जैसे बालों में जुएं, वैसे ही ये मुएं।।
Apr 2024 · 80
चांद
Mohan Jaipuri Apr 2024
तू चांद‌ है हसीन रातों का
तेरी चांदनी ढक जाती
जब चढ़ता नशा मेरी बातों का
मैं शीशा तेरे जज़्बातों का
खोलता भेद तेरी अदाओं का।।
Apr 2024 · 97
Mountains
Mohan Jaipuri Apr 2024
Mountains are heaven for the summer
Sun on face and clouds on shoulders
Really a beauty for the beholders.
Apr 2024 · 221
कोटा शहर
Mohan Jaipuri Apr 2024
जहां तक दृष्टि जाती
वहां तक दिखता कोटा
उसके आगे बादल से लटका
दिखता फिर भी कोटा।
सुनहरी आकाश की उपमा
शायद धारण कर ली कोटा
पढ़ने आते बच्चे यहां
पाल सुनहरी सपना मोटा।
डोरिया की साड़ी प्रसिद्ध
गहनों का रुतबा ऊंचा
सात अजूबों की नकल
बात कहती कूंचा-कूंचा।
रिवर फ्रंट ने चमक बढ़ाई
चंबल हो गई स्थल सुहानी
बीचोंबीच शहर से गुजरती
लगती सौन्दर्य की रानी।।
Apr 2024 · 160
जाट
Mohan Jaipuri Apr 2024
जाट का‌ नाम जूनून है
जूनून जीना ही कानून ‌है।
Apr 2024 · 94
Flashback
Mohan Jaipuri Apr 2024
Some pictures take to the flashback
Apr 2024 · 87
Fragrance
Mohan Jaipuri Apr 2024
Time is more fragrant than flowers.
Mar 2024 · 82
रणभेरी
Mohan Jaipuri Mar 2024
चलो चुनावों की आज
बज गयी रणभेरी है
ना तेरी ना मेरी चलेगी
अब जनता की बारी है
पापड़ जैसे हल्की-हल्की
सिकती जनता हर दिन है
चुनावों में वह बनके लावा
हर पत्थर पिघला सकती है
भावनाओं के दोहन के
नीचे हर बार दब जाती हैं
देखो आजादी‌ के पिचहतरे
अब क्या गुल खिलाती है।।
Mar 2024 · 75
शादियां
Mohan Jaipuri Mar 2024
कुछ शादियां शक्ल देख
कुछ होती देखकर दौलत
इश्क होता आंखें पढ़कर
शब्दों की ना मोहलत।।
Mar 2024 · 110
क़फ़स
Mohan Jaipuri Mar 2024
यह जिस्म मेरा बन गया है मेरा ही क़फ़स
कानों गुंजें तेरे लफ्ज़, आंखों में तेरा अक्स।।
Feb 2024 · 93
Complete
Mohan Jaipuri Feb 2024
To me
*** is love
To her
I am love
She is complete
I am incomplete
Feb 2024 · 116
My own way
Mohan Jaipuri Feb 2024
I promise
New handbag on birthday
Cindrella dress on wedding day
Black goggles on sunny day
Woolen cardigan on winter day
Swim suit on rainy day
Black bellis when you say
But love should be
in my own way.
Feb 2024 · 96
Poem
Mohan Jaipuri Feb 2024
She has dark complexion,
and cat eyes
Red lips, red dot
And wearing red
makes her
an attractive poem
I recite her
every bedtime
Feb 2024 · 97
फ़रवरी
Mohan Jaipuri Feb 2024
आ गई फरवरी
लाई बसन्त की आहट
मावठ ने भर दी
वनस्पति में खिलखिलाहट
प्रकृति यों शुरू कर रही
मौसम में भरनी गर्माहट
दिलों में जागने लगी
अब प्यार की चाहत
कवियों की कलम भी करने
लगी प्यार की फुसफुसाहट ।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
सबको समान अवसर
सबको समान अधिकार
सब बनाते हैं सरकार
सब में निहित है सरकार
संविधान की है पुकार।।
Jan 2024 · 208
Daughter
Mohan Jaipuri Jan 2024
A mother is the heaven on the earth
and a daughter is manifestation of it.
Jan 2024 · 184
नटखट
Mohan Jaipuri Jan 2024
बच्चे नटखट कार्य से
बुजुर्ग नटखट दिल से
बात दोनों एक ही है बस
बच्चों के बाल आने वाले
बुजुर्गो के जाने वाले।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
जय श्रीराम,भजलो यह नाम
जमाना है डिजिटल,सेव करलो नाम
इतना जतन से सेव करो कि अगर
हमारा शरीर रूपी हार्डवेयर खत्म भी हो जाये तो
बैक अप में यमराज को जय श्रीराम मिल जाये।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
मद्धम होती सर्दी में
मद्धम-मद्धम रोशनी
बसन्त की आहट से
दिलों में बनने लगी
प्यार‌ वाली चाशनी।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
लोग लिखते हैं चित्रों पर
मैं लिखता हूं मित्रों पर
उन्होंने पढ़ा तो ठीक है
नहीं पढा तो कोई  बात नहीं
मैं तो उनको पढ़ ही रहा हूं
बस इस बहाने से ।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
आज सिमट रहा हूं
मैं अपने वजूद में
देखकर पीछे छूटा अरसा
कुछ ख्वाहिशों ने चलाया
कुछ जिम्मेदारियों का फरसा
उठा , गिरा फिर उठा
उठा पटक की वर्षा
जीत मेरे हिस्से आई
जितनी दिल फेंक को प्यार
दोस्तों से  जो कुछ सीखा
वही आचरण में है सुमार
इंतजार घरवाले करते हैं
दोस्त तो उठा लेते हैं यार
कड़वी को पी लेते दोस्त
मीठे मिला‌ दे कड़वा
मीठी -कड़वी सुनकर इनकी
हर्षित है मेरा मनवा।।
Mohan Jaipuri Jan 2024
जो सबसे सस्ता लगता है
वही था सेहत का खजाना

सुबह सर्दियों में अलाव जगाकर
बैठ अपनों संग बतियाना
सर्दी के बहाने वो खुले में
कुश्ती,माला देना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

गाय, भैंस , बकरी वाला
वह घर का भरा दालान
बरबस ही मन मोह लेता था
वो बछड़ों का रंभाना
शब्द नहीं होते थे ,पर हेत हृदय पहचाना
हाथ फेर स्नेह जताना
वही था सेहत का खजाना।

मोरों की आवाज सुनकर
वह वर्षा का अनुमान लगाना
खाने से पहले नहा धोकर
पाव चुग्गा बरसाना
पूरे दिन पक्षियों का कलरव सुन
वह हृदय का हरसाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मिट्टी के बर्तन से घी-दूध
मिट्टी के बर्तन में लेकर
बैठ रेत में सुबह-सुबह ही गटकना
ना खांसी, ना एलर्जी,ना शरीर का लाल होना
इतने मस्त मलंग थे
बैठ जमीन पर ही नहाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

सूरज की धूप सेंक कर
दोपहर सर्दियों में ओढ़ कम्बल सो जाना
सोचता हूं यही था
पूरे साल‌‌ की इम्यूनिटी का खजाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मकान चाहे कच्चे थे
उसूल बड़े पक्के थे
बिन रोटी लायक काम के
कोई पड़े -पड़े नहीं खाते थे
सरकारों की योजनाओं का
कभी मुंह नहीं ताकते थे
खुद ही बुनकर‌, खुद सील कर
मोटा कपड़ा पहनते थे
पगड़ी पहन ठसक से रहना
वाह रे वाह क्या कहना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।
Jan 2024 · 73
खिचड़ी
Mohan Jaipuri Jan 2024
खिचड़ी के चार यार
पापड़,घी,दही, अचार
जाड़ों का दिन, सर्दी अपार
मिल गये पांचों एक थाली में
अब काहे का इंतजार।।
Dec 2023 · 80
धुआं धुआं
Mohan Jaipuri Dec 2023
धुआं धुआं सी जिंदगी
धुआं धुआं सा समां
धरती के दु:खों से ही
झुका हुआ है आसमां।।
Dec 2023 · 107
Merry Christmas
Mohan Jaipuri Dec 2023
Christmas gifts &
Christmas carols
Makes it special
Festival among all
Brings a lot of
Holidays with it
Makes it a point
of funfare and lit
It is the time
When colours of old year
Mixes with brightness of new
That is why I eagerly wait
for the Christmas view
Nov 2023 · 105
Crush
Mohan Jaipuri Nov 2023
Your magical styles
Whom I have crush on
I feel  I am a wine lover
You are a wine shop
Where my search end on
Nov 2023 · 153
Hypnotised
Mohan Jaipuri Nov 2023
You are a magician
Who wears black
Broad smile hypnotized
now I can't escape
Nov 2023 · 190
मयकदा
Mohan Jaipuri Nov 2023
जादूई अदाएं तेरी
जिन पर मैं फ़िदा
मैं बहका रिन्द सा
तू है  मयकदा।।
Nov 2023 · 106
कबूतर
Mohan Jaipuri Nov 2023
ऐसे ना मुस्कुराया कीजिए
कहीं हमें प्यार‌ हो जायेगा
कैसे पहुंचेंगे आप तक
दिल कबूतर कहां से लायेगा।।
Nov 2023 · 148
Macaroni cheese
Mohan Jaipuri Nov 2023
She is Macaroni cheese
I am spicy, stinging food
She is always shrewd
I am sometimes rude
But I bow and
She knows
This is the way
friendship goes
Jul 2023 · 518
Role of Lust & love
Mohan Jaipuri Jul 2023
When lust turns into love
Life is beautiful
When love turns back to lust
Life becomes pitiful
When lust & love are balanced
Life becomes insightful
when only and only lust remains
Life becomes revangeful
Mohan Jaipuri Mar 2023
मेरे सीने में एक बात अटकी थी
मेरे लिए वो कितनो से ही लड़ी थी
आज जब मेरे और औलाद के बीच
दो राहे पर खड़ी थी
बड़ी लड़खड़ा सी गई थी
मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं था
वो सुनकर भी क्या करती
बर्फ़ की सिल्ली सी हम दोनों
के सीने पर पड़ी थी
कहना था तेरा कोई दोष नहीं
वक्त का तकाजा है
पर शब्द जवाब दे गये
बस ये बात सीने में अटकी थी।।
Mar 2023 · 209
Salutu salutu
Mohan Jaipuri Mar 2023
Naatu Naatu‌
Oscar ** gya
Tum par
Lattu Lattu
Mera tujhko
Salutu salutu
👏👏👏👏
Mohan Jaipuri Mar 2023
नारी ही‌ शक्ति है नर की
पूरी दुनिया कायल है
उसके अद्भुत हुनर की
जमाना है अब डिजिट का
अछूती ना रहे कुंजी कम्प्यूटर की
नारी शक्ति के हाथ से
अगर पिछड़ना नहीं है
नवाचार की रफ्तार से ।।
Mohan Jaipuri Mar 2023
दिलकश वो और दिलकश शाम
हर मुश्किल में जुबां पर उसका नाम
उसके साथ खड़ा रहने में है मेरी शान
दिन‌ की तो मैं कह नहीं  सकता
हर शाम यह मेरा इजहारे आम
मेरी बीवी ‌ही है मेरी जुबान।।
       😄😄😄😄😄
Mar 2023 · 145
फागुन
Mohan Jaipuri Mar 2023
फागुन मास अलबेला
हरेक के सर चढ़कर बोला
हर जवान मतवाला
हर गोरी गोकुल बाला।

देखो मौसम निर्जला फिर
भी हर पेड़ हरियाली छाई
गीतों में श्रृंगार रस की
अब चारों ओर है भरमार आई।

चारों ओर होली रंग
संगीत में बांसुरी और चंग
नाचे पुरुष पहन लिबास जनाना
यह महिना है मसखरी का खजाना।

कोई पीये या ना पीये
दिखाते खुद को मदहोश दीवाना
वृद्ध भी भूलकर उम्र
गाते हैं प्रेम फ़साना।‌।
Mohan Jaipuri Feb 2023
कोई देखे तो देखने दो उसे
चर्चा तो होगी बस्ती में
हम हैं सवार एक कस्ती में
प्यार का दरिया गहरा है
चर्चा से कब यह ठहरा है।।
Mohan Jaipuri Feb 2023
किस्मत किस्मत करने वाले
किस्मत फिजाओं में घुली है
बाहर निकल महसूस तो कर
मिट जायेगा मन का अंधेरा
कभी अरूणोदय से बात तो कर।।
Mohan Jaipuri Feb 2023
शिव सादगी
शिव सहनशीलता
जटाएं इशारा हैं
जीवन की उलझनों का
नन्दी  प्रतीक‌ है
जीवन‌ उपयोगिता का
मृगछाला प्रतीक
दमन तृष्णाओं का
गले का नाग कहे
जहर गले तक ही रहे
सिर की गंगा कहे
ठंडा मस्तिष्क रहे
निर्वस्त्र शरीर कहे
बिन दिखावे का
अपना जीवन हो
हर एक मनुष्य का
शिव संकल्प हो
फिर जीवन में
ना कभी कठिनाई
का बोध हो।।

ऊं नमः शिवाय
Mohan Jaipuri Feb 2023
चलो अब आ गया है फाल्गुन
सर्दी हो रही है धीरे-धीरे गुम
ऊनी पहनें तो गर्मी लगे
ना पहने जुकाम लगे
जाती सर्दी बड़ी बेरहम
ढा रही है सब पर सितम
बहती नाक, छिलता गला
भूला‌ रही अगला-पिछला
रख मुंह रूमाल कोई खांसे
समझो चिकित्सक के चला।।
Feb 2023 · 120
अपना जहां
Mohan Jaipuri Feb 2023
होगा सितारों का खूबसूरत जहां
एक जूगनू चमक रहा है यहां
तोड़ दो‌ सोच का सिलसिला
सबसे न्यारा होगा अपना जहां।।
Mohan Jaipuri Feb 2023
ये चोकलेट भी अजीब है
चूसकर खाऊं तो गंवार कहलाऊं
चबाने पर मुंह में ठहरा ना पाऊं
दांतों पर चिपकी सह ना पाऊं
गरमी‌ मिलते ही संभाल ना पाऊं
पैकिंग देखकर रोज ललचाऊं।

तू भी लगती एक चोकलेट
तेरी बातें सुन सुन शर्माऊं
देख देख तुझे लार टपकाऊं
साथ चले तो लोगों से डर जाऊं
ऊंच नीच हो तो तुझे संभाल ना पाऊं
देखें बिना तुझे रह ना पाऊं।

चल‌ मेरी‌‌ चोकलेट
आज से मैं ‌बर्फ बन जाऊं
सिने पर मेरे तू रहे सुरक्षित
बंधन‌ अपना हो जाये अक्षत
दुनिया में ‌निभ जाये दस्तूर
तेरी उंगली के स्वरों का मैं संतूर।।
Feb 2023 · 124
रोज डे
Mohan Jaipuri Feb 2023
आज 'रोज डे' है
टूटेंगे फूल गुलाब
अर्पण होंगे इस आशा में
कोई प्रेम भरा मिले जवाब
कांटों बीच पनपकर देखो
खुद कहलाओगे गुलाब।।
Mohan Jaipuri Jan 2023
मुझे मेरे अपने ही
विकीपीडिया में ढूंढते हैं
जब सामने आते हैं
कई पहेलियां बुझाते हैं
बात जब कोई मुद्दे की हो
कहते हैं व्हाट्स एप कर देंगे
खाने पीने के नाम पर
जोमेटो को आर्डर कर देंगे
ऐसे माहौल में हम भी
आशिर्वाद ई-मेल कर देंगे
ऐसे ताने बाने के समाज में
प्यार,मोहब्बत, भाईचारा
गूगल भी ना ढूंढ सकेंगे।।
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