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Mohan Jaipuri Aug 2024
यह दिन‌ भी  रंग बदलता है
मुझे रोज आगाह करता है
सुबह सुर्ख लाल
जैसे बाल के गाल
छिपे हों आंचल लाल।
दोपहर में सफेद
जैसे पुरुषार्थी का भेष
तपकर करता सजीवों का पोषण
देता श्रम का संदेश।
बरसात से पहले
बन जाता शांत जैसे योगी
फिर मचाता शोर
लुटाता खजाना जैसे कोई भोगी।
सायं शांत सा समा जाता
काली रात आगोश
याद करते हुए जैसे बीते समय के रंग
और मांग रहा हो फिर सुबह का जोश
यह दिन‌ भी  रंग बदलता है
मुझे रोज आगाह करता है ।।
Aug 2024 · 53
गोगानवमी
Mohan Jaipuri Aug 2024
मरूस्थल के‌ देव
सादा प्रसाद लेय
गोगाजी को‌ खीर- चूरमा
जसवंत ओगरो लेय।
सच्ची श्रृद्धा से ग्रहण करो
तन कष्ट मिट जाय
जमीन पर बैठ कर खाये
आधा‌ वहीं पच जाय।
जितना‌ सादा भोजन
उतने सादे विचार
यह बात लिखावट की नहीं
यह सदियों का निचोड़।
कृष्ण ने माखन चोरा
राम भीलन‌ बेर खाय
मिट्टी के बर्तन की महिमा
पुरानी सभ्यताएं रही बताय ।
Aug 2024 · 61
Women's equality day
Mohan Jaipuri Aug 2024
Time was not always like today
Though today is also not perfect
But once the women had
even no right to vote
and no equal salary for
the same sort of job
Some things have improved
but still women safety
is the issue to be improved
by changing thought & quote
which society need to be taught.
Aug 2024 · 49
Raining
Mohan Jaipuri Aug 2024
Raining sings
Raining sounds
Raining pounds
Raining is the time
romance surrounds
everything in nature
That makes it the
suitable creator
Mohan Jaipuri Aug 2024
इडली- सांभर ,‌दही कुल्हड़
पनीर और पुदीना चटनी
फूलों में दिखता तेरा चेहरा
शुभकामनाएं लगती हैं
अब बस जीवन‌संगिनी।।
Aug 2024 · 141
Silver metallic
Mohan Jaipuri Aug 2024
Be Bold and Italic
Cast yourself
as a symbol of
Silver metallic
Aug 2024 · 124
A perspective
Mohan Jaipuri Aug 2024
A poet can see
a poem in politics
and a politician
can see a politics
even in a poem
Aug 2024 · 185
आज राखी है
Mohan Jaipuri Aug 2024
आज राखी है
बहन - भाई के अटूट
स्नेह की साक्षी है।

भाई रक्षा सूत्र बंधवाकर
बहन को रक्षा का संकल्प देता है
यह रस्म पीढ़ियों से
चलती आ रही है ।

घर से बाहर निकाल कर
शायद भाई यह संकल्प भूल जाते हैं
तभी कार्यालय हो, सफर हो ,
या हो अस्पताल बहनें लूटी जाती हैं ।

उसने भी बांधी होगी
किसी को राखी, दिया होगा संकल्प
फिर भी खत्म कर दिया गया
उसके जीने का हर विकल्प ।

कोलकाता, मेरठ या हो जोधपुर
हर जगह राखी तोड़ी गई
एक बहन की गर्दन
नृशंस रूप से मरोड़ी गई ।

आज हर एक राखी
रो कर कह रही होगी
बंद करो यह उपहास
नहीं होता रक्षा संकल्प पर विश्वास ।

राखी में भी आज स्वार्थ की बू आती है
सरकारें मुफ्त यात्राएं करवा कर
बहनों के वोट लेती हैं
जब बारी आती इंसाफ की
वही सरकारें एक दूसरे को दोष देती हैं
पर इंसाफ करने से कतराती हैं ।

क्यों राखी के धागों को
अब बदनाम करते हो
मन के धागों को
क्यों नहीं मजबूत करते हो?
Aug 2024 · 72
गुलजार
Mohan Jaipuri Aug 2024
शब्द गुलजार भी इतना
कभी गुलजार ना होता
यदि यह गुलजार साहब
का नाम ना होता।
लोग झूठ कहते हैं दुनियां में
कुछ भी स्थायी नहीं होता
पर लेखन को काल भी
कभी मिटा ना पाता।
नब्बे तो नौ का पहाड़ा
दहाई पर आकर टिकता
आपके अल्फ़ाज़ों में
सदियों का रंगमंच बसता।।
Mohan Jaipuri Aug 2024
छ: मेडल और एक विनेश
यादें पेरिस की यही शेष
सुविधाएं, जागरूकता और
लवाजमा तो अवश्य बढ़े
कर नहीं पाये कुछ विशेष।।
Mohan Jaipuri Aug 2024
आज चैम्पियनों की चैम्पियन लौटी है
दिल्ली की सड़कें प्रसंशको से अटी‌‌ है।।
Mohan Jaipuri Aug 2024
आधी चोकलेट तूने खायी
आधी मुझको भेज दी
देख तेरा यह लगाव मुझसे
मैंने चूस -चूस कर खत्म की।।
Aug 2024 · 105
चपल इशारे
Mohan Jaipuri Aug 2024
नीचे पुदीना
ऊपर चेरी और खजूर
देख खरबूजा
मेरा बदला रंग हूजूर
बागों में सावन के पड़े हैं झूले
मेघ गरज रहे घनघोर
इन्द्रधनुष ने तोरण बनाया
अब आ जा मेरे चितचोर।

रिमझिम बारिश की बूंदें
चारों ओर मचा रही शौर
तेरी सूरत आंखों में आये
काम काज से मन भटकाये
देख बिजली के चपल इशारे
लगता तूने बुलाया है चोबारे।

सावन सूखी लकड़ी सरसे
देख यह मेरे नैना बरसे
बारिश में सूखा दिल दरिया
तू इसके भावों का जरिया
छुई मुई छूने पर‌ लगता
तूने नटखट शब्द उच्चारे
और मेरे चेहरे लालिमा उतरे।।
Aug 2024 · 70
आजादी
Mohan Jaipuri Aug 2024
गैरों से आजादी
तब तक ही‌ सुरक्षित है
जब तक अपने इसका
मतलब समझते रहें।।
Mohan Jaipuri Aug 2024
आज रेगिस्तान में खेती होने लगी  खजूरी
धरती उगाती मेवे , कम होने लगी जी हूजूरी ।।
Aug 2024 · 120
Bustling waves
Mohan Jaipuri Aug 2024
As gentle as
the touch
to sweetheart
and lake
So romantic
will be  the seeing
of bustling waves
coming from them
Aug 2024 · 64
Robust
Mohan Jaipuri Aug 2024
Some deserted roads
may also have some story
Exactly forty years ago
I was subjected to ragging
in my college in a state of sorry
forced to wear my underwear
as a cap on kirmich road
and made to take a dip
in the road side drainage
Day was fourteenth August
This way I was made robust
Aug 2024 · 50
Dreams
Mohan Jaipuri Aug 2024
Only dreams
are ours
Relations are
Nothing
but life covers
Aug 2024 · 61
सपना
Mohan Jaipuri Aug 2024
अपना तो सिर्फ सपना है
बाकी सब तो ढकना है।।
Aug 2024 · 94
Earning
Mohan Jaipuri Aug 2024
One cup of tea
and this rainy morning
Sitting in the balcony
relishing life's journey
This is true earning
Aug 2024 · 62
I swear
Mohan Jaipuri Aug 2024
Black hairs
turn into gray
It's the life
the way it sway
Body understands
heart does not care
I am one of them
I swear
Mohan Jaipuri Aug 2024
कुछ किताबों का
इतिहास कहीं और का
लिखते - लिखते दौर
हो जाता कहीं और का
पाठक टिप्पणी क्या लिखें
आज शौर है खामोशी का।।
Aug 2024 · 60
चाय का कप
Mohan Jaipuri Aug 2024
यह फूल रूपी चाय का कप
लग गया अगर होंठों से
भूल जायेंगे कि यह कप है
चिपक जायेंगे इससे
समझ कर कि यह लब है।।
Jul 2024 · 68
ओलंपिक २४
Mohan Jaipuri Jul 2024
मनु भाकर देश की शान
कांस्य से बढ़ाया मान
पेरिस में सुन राष्ट्रगान
शूटिंग पर हम कुर्बान।।
Jul 2024 · 66
Tigers day
Mohan Jaipuri Jul 2024
As fast as a tiger
Proverb has no existence
Untill tigers are conserved
Jul 2024 · 85
चीता
Mohan Jaipuri Jul 2024
चीते जैसी फुर्ती की
कल्पना तभी संभव है
जब चीते सलामत रहें।।
Jul 2024 · 69
Dark
Mohan Jaipuri Jul 2024
Dark is scary
But it catches dream
It is upon you
Which is your theme
Jul 2024 · 48
कोटर
Mohan Jaipuri Jul 2024
कोटरों में कबूतर रहते
जिनकी नहीं कोई बोली
अब कोटरों में मानव रहते
हालत उनकी भी वैसी हो ली
पहले सेक्टर वाली कोठियां
फिर आये ऊंचे-ऊंचे फ्लैट
बेरोज़गारी ने धीरे-धीरे
सब कुछ दिया समेट।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
दूज का हुआ तो क्या हुआ
है तो तू चांद
रख धैर्य और बढ़ आगे
पूर्णिमा को मान।।
Jul 2024 · 56
Love,kiss & cuddles
Mohan Jaipuri Jul 2024
People write about
eat, drink & dress
Then come to
wish and manners
Some about
Loss and wins
Rarely kith & kins
But more
important is
love,kiss & cuddles
These are supportive
to win over life hurdles
Jul 2024 · 155
सावन
Mohan Jaipuri Jul 2024
सावन आया रे सखी
पैरों  चिपकी गार
बेलें लिपटी हैं वृक्षों
साजन लिपटी नार।
सावन की झड़ी लगे
चुभे ठंडी बयार
सखी लिख संदेश कोई
अब घर आये भरतार।
जब मोर देखूं नाचते
मन में माचे शौर
झूले पड़े हैं पेड़ों पर
अब तो आ चितचोर।
तीज त्यौंहार आ रहा
सही न जाये दूरी
मेरे हिरदेश तू यों बसे
जैसे मृग कुंडली कस्तूरी।।

गार- गिली मिट्टी
भरतार -पति
Mohan Jaipuri Jul 2024
तेरी नाइट लैम्प की लाली
और ये लाल सूर्ख तेरे फूल
मिलकर सपने में ही कभी
होगा आंखों से सलाम कूबूल।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
फूलों सा नाजुक दिल‌ तेरा
मोती से साफ जज़्बात
दिन के मिजाज की फ़िक्र क्या
जब तू कराये सुबह का आभास।।
Jul 2024 · 74
न्याय
Mohan Jaipuri Jul 2024
आपराधिक मामलों
के अलावा
न्याय दलीलों में फंसी
अनवरत प्रक्रिया है
सामान्यतया अपनों
या दोस्तों से संवाद
समाप्त होने पर
पैसा देकर वकीलों
के माध्यम से गिले
सिकवे उगलवाने
का तरीका है।
जांच एजेंसियां
इसकी गति और नियती
निर्धारित करती हैं।।
Jul 2024 · 67
बारिश
Mohan Jaipuri Jul 2024
बारिश की बूंदों की टप टप
लगता तू नहा रही छप छप
यह बादलों का गढ़ गड़ शौर
नशा मुझ पर करे घनघोर ।
काले बादल ज्यों तेरी
मदहोश करती जुल्फें
बढा रही हैं मेरी
शामों की उल्फतें।
भीनी धरती की खुशबू
लगता सेज बिछाई है तूने
यादों के इस मंजर में लगता है
तू व्याप्त मौसम की इस रवानी में ।
ऐसे में जब बिजली चमके
होश में लाती मुझको
हसीन यादों से जुदा करके
खंजर घोंपती मुझको।।
Jul 2024 · 59
पाप
Mohan Jaipuri Jul 2024
अमीर इसी जीवन को जीता है
उसके पाप कोर्ट कचहरी में धुलते हैं
गरीब को यह जीवन तो जीवन लगता नहीं
पिछले पाप धोने गंगा काशी नहाता है।।
Jul 2024 · 140
जनसंख्या
Mohan Jaipuri Jul 2024
सबको गिनो, संसाधन बिनो
धरती असहाय ,आसमां प्रदूषित
नदियों में नीर की जगह मैला
हाथ बहुत पर इनमें नहीं धेला
ज्यादा दिन नहीं चलेगा यह खेला
जनसंख्या नियंत्रण से देश बचेला।।

#विश्व जनसंख्या दिवस
Jul 2024 · 63
गुलकंद
Mohan Jaipuri Jul 2024
गुलाब हो तुम
गुलकंद बनाकर
सौंप दिया घरवालों ने
ठंडी हो गयी अल्हड़ हरकतें
बड़ा जुल्म किया गुलकंद
तेरे रसीले निवालों ने।।
Jun 2024 · 78
आईना
Mohan Jaipuri Jun 2024
आज उन्नतीस जून है
जीने का वही जूनून है
तुझ बिन बेनूर जिंदगी
ईश्वर तेरा कैसा कानून है।

कभी घबराता था
आत्मविश्वास देख तेरा
आज बन‌ गया‌‌ है देखो
तुम बिन सवेरा यहां अंधेरा।।

आय कम थी
जरूरतें ज्यादा थी
फिर भी विश्वास था क्योंकि
तू हरदम जीत को आमादा थी।

ढलती उम्र के साथ
यादें ज्यादा ताजा हो रही हैं
जीवन का तजूर्बा है
सत्य गांधी,तो आईना कस्तूरबा है।।
Jun 2024 · 76
एक धुन
Mohan Jaipuri Jun 2024
प्रेम एक धुन है
रम गये तो थम गये
जो पिछड़ गये वो
दुनियां से बिछुड़ गये।
Jun 2024 · 122
प्रेम
Mohan Jaipuri Jun 2024
प्रेम एक अहसास है
जरूरी नहीं जिससे प्रेम हो वह पास है
अकेले काट देते हैं लोग जिंदगी उनके नाम पर
जिनका नाम खुद से जुड़ा रहना ही
उनमें ऊर्जा का वास है।।
Jun 2024 · 57
नखरे
Mohan Jaipuri Jun 2024
नखरे तो वो जलवा हैं
जिनके बिना ग्लेमर बयां कहां
जो उठाए प्यार में नखरे
उसका प्यार रहे सदा जवां।।
Jun 2024 · 78
गिफ्ट
Mohan Jaipuri Jun 2024
यह दिल भी अजीब है
गिफ्ट कोई और देता है
पहनकर दिखाने का मन
किसी और को‌ करता है।
बात करनी हो टेढ़ी तो
लिचड़ बोला जाता है
कमीना कह कर भी कभी
डियर बोला जाता है।।
Jun 2024 · 71
Father's day
Mohan Jaipuri Jun 2024
हम जो बोते, वही पाते
चाहे पिता हों, या किसान
कभी- कभी कुदरत भी
करती अपना योगदान
पिता होकर सींचिए
मेहनत और संस्कार
उम्मीद रखकर ना चलिए
बाकी भली करे करतार।।

# Father's Day
Mohan Jaipuri Jun 2024
पहले पड़ती धूप
फिर चलती आंधियां
आंधियों का शोर मिटाने
बारिश आती रे! आंधिया।।
May 2024 · 83
सरजमीं
Mohan Jaipuri May 2024
देखने को नज़ारे दुनिया में
होंगे बहुत हसीं
रहने को सबसे अच्छी
पूर्वजों की सरजमीं।
जीती लंका राम छोड़कर
वापस लौट आये अयोध्या
तो पूजे जाते हर‌ घर
जो‌ जीतकर बसे परायी जमीं
चर्चित उनके महल, मकबरे
पर‌ झुकता नहीं शीश उस दर।।
May 2024 · 150
चाय
Mohan Jaipuri May 2024
लोग कहते हैं
आज चाय दिवस
ऐसा दिवस तो बताओ
जो बिना चाय हो।
चाय को एक दिन की बता
मेरी तोहीन ना करो
मैं मानव जीवन की
सर्वमान्य मनुहार हूं।
आम और खास
सब समान रूप से
मेरे तलबगार हैं।
गरीब पतीले में उबालता
और मीठे के लालच में पीता
अमीर गर्म पानी में कप में
बिना चीनी डिप-डिप करता
कितना‌ ही पेंतरा बदलो
पीने के लिए सिप- सिप
करवाकर सबको बराबरी
का आभास कराती हूं।
May 2024 · 90
असफल रहा
Mohan Jaipuri May 2024
आंखों से जाम लिया
होठों पर थाम लिया
उसने फोन काट‌ दिया
ये कैसा‌ सितम किया ?
सपने नहीं पूरे हुए
अधूरे भी कैसे कहें?
उसने तो मुझे पढ़ लिया
मैं  ही असफल रहा।।
May 2024 · 94
हकीकत
Mohan Jaipuri May 2024
आंख मिल जाने से
कोई मिल नहीं जाता
हां शायर जरूर बना देता
शायरी लिखते-लिखते
जब कभी दीदार हो जाता
लफ्ज़ इतने जहन में बैठ जाते
कि हकीकत हजम‌ नही होता।।
May 2024 · 63
मां
Mohan Jaipuri May 2024
तेरी‌ निशानियां नहीं
ये तेरी कुर्बानियां हैं
जीवन के संघर्षों में
मुझ पे मेहरबानियां हैं।।
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