समझो ! मान लो कि आप के मोबाइल रीचार्ज के खाते में इंटरनेट कनेक्टिविटी का पैक हो जाए समाप्त अचानक। आप इस स्थिति में भी नहीं कि झटपट से डेटा पैक ले सकें , आप डेटा लोन भी लेना नहीं चाहते। लगता है ऐसे में खेला हो गया , पैक अप हो गया। सुख सुकून कहीं खो गया। अगर आदमी ठान ले अब और भुलावे में नहीं रहना है, इस सब झमेले से पिंड छुड़ाना है, अचानक चमत्कार हो जाता है, आदमी इंटरनेट कनेक्टिविटी के जाल से निकल क्षण भर के लिए सुख पा जाता है। परंतु यह क्या ? आदमी फिर से इंटरनेट पैक लेने की जुगत लड़ाता है। वह दोबारा से कैदी बन जाता है, बगैर हथकड़ियों के, एक खुली कैद का सताया हुआ। भीतर तक नेट कनेक्टिविटी के नशे का शिकार! नेट के मायने भी जाल होते हैं, इस जाल में फंसे लोग वीडियो देख देख कर , वीडियो बना बना कर, आजकल बहुत खुश होते हैं , देखें, हम लाइक्स देख कर कितने पगला जाते हैं ! आधुनिक जीवन के मकड़जाल में फंसे रह जाते हैं! अब छुटकारा मुश्किल है , अक्ल पर पर्दा पड़ चुका है। आदमी भीतर तक थक चुका है। ०८/०४/२०२५.