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Mar 2023
फागुन मास अलबेला
हरेक के सर चढ़कर बोला
हर जवान मतवाला
हर गोरी गोकुल बाला।

देखो मौसम निर्जला फिर
भी हर पेड़ हरियाली छाई
गीतों में श्रृंगार रस की
अब चारों ओर है भरमार आई।

चारों ओर होली रंग
संगीत में बांसुरी और चंग
नाचे पुरुष पहन लिबास जनाना
यह महिना है मसखरी का खजाना।

कोई पीये या ना पीये
दिखाते खुद को मदहोश दीवाना
वृद्ध भी भूलकर उम्र
गाते हैं प्रेम फ़साना।‌।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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