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Aug 2020
जाग

ओ मानव, तेरी गहरी नींद से तू  जाग ;

वरना नष्ट कर देगी तूझे यह आग

भस्म हो जायेगा तेरे सपनो का सुनेहरा बाग;

जो बनाया था तुने, करके मेहनत अथाग ।

पड जायेगा तेरे चरित्र पर एक  न मिट ने वाला दाग

अहम, अभिमान, खुदगर्ज़ी और  बेदिली त्याग;

वरना हो जायेगा तु फना, अब तो तेरी गहरी नींद से जाग ।

Armin Dutia Motashaw
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