Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jul 2020
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई
ड्रैगन देश से फैली एक बीमारी
अकस्मात बन गई यह महामारी
वायुयानों के पंख थम गए
भूतल परिवहन है मारी मारी
बच्चों की पढ़ाई छिन गई
दुश्वार हो गई दिन गुजारी
यह कैसी दो‌ हजार बीस...

उद्योग पतियों के उद्योग रुक गये
मजदूरों की दिहाड़ी
नेताओं की चौधर रुक गई
घूम रहे हैं जैसे कबाड़ी
किसान हो गए घर तक सीमित
कैसे बचेगी अब फुलवारी
यह कैसी दो हजार बीस...

ममता, स्नेह और साथ निभाना
बात लगती है कोई दीवानी
दादा, पापा ,मां और बेटी
में एक साथ जब कोविड पहचानी
पूरा घर जब अस्पताल पहुंचे
कैसे बचे खुशियों की क्यारी
यह कैसी दो हजार ‌बीस...

डर को ऐसे पंख लगे
महिलाएं दुर्गा बन गई
कहीं स्कूटी पर माता
बेटे को ला रही
तो कहीं बेटी पिता को
अपने गांव ले जा रही
कोई किसी की सुने नहीं बात
दुनिया आपे से बाहर हो रही
डॉक्टरों को देखकर ही
थोड़ी लौटे जीने की खुमारी
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई

कोढ में खाज का काम
कर रहे कहीं टिड्डी और भूकंप
ड्रैगन फिर भी सीमा पर
लगा रहा है कैंप पर कैंप
शायद उसकी अब खुली आंखें
देख नहीं रही आसन्न विनाश प्रलयकारी
यह कैसी दो हजार बीस की साल आई
अपने संग दुश्वारियां ही दुश्वारियां लाई
Feeling disturbed hearing the news of  megastar Amitabh bachchan, Abhishek bachchan, Aishwarya bachchan and Aradhya bachchan tested covid positive  and expressed my feelings for the year 2020 in above poem. My they all recover soon.
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
47
   Shrika
Please log in to view and add comments on poems