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Jun 2020
वर्गाकार चेहरा
जिस पर बॉय कट का पहरा
आंखों में मासूमियत
बने चंचलता का सेहरा
जब तुम हंसती हो तो
राज कोई दबाती गहरा।

छोटे-छोटे कीमती पत्थरों वाले बूंदे
कीमती पत्थरों वाली मैचिंग वाली माला।
वस्त्र तेरे 'कोटन' वाले
बनाए तुझे कुलीन सी बाला
जब तुम चलती हो
तो फिजा में रंग भरती हरा।

तुम अंग्रेजी की सी चंचलता
दुनिया संस्कृत सी धीर
थोड़ा थोड़ा संयम रखा करो
दुनिया कहीं‌ हर‌ ना ले चीर
हृदय में बसे कोमलता
और स्वभाव बड़ा है खरा।

आपको पढ़ना भी है एक सलीका
कहां हमारे पास है ऐसा वह तरीका
तुम मधुमास उत्सव हो
हम पतझड़ सा फीका
कच्चे मन के धागों से
हमने भेद जाना जरा सा।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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