जाने वाले चले जाते हैं, ना लौट कर कभी आते हैं हमारा जीवन यादों का जलता दीपक बना जाते हैं।
हर रैना तारों से उनकी उपस्थिति का आभास कराती है सुबह-शाम लगता जैसे लालिमा सूर्य की उनसे सी होती है भरी दोपहरी में बादल आने से छाया कहीं से आती है उनके शीतल आंचल की यादें ताजा कर जाती है लेकिन गुजरना बादल का फिर वही एहसास दिला जाते हैं जाने वाले चले जाते हैं ना लौट कर कभी आते हैं हमारा जीवन यादों का जलता दीपक बना जाते हैं।
फूल कहीं जब खिला हुआ देखते हैं सहसा उनका मुखड़ा सामने पाते हैं भौंरे जब कहीं मंडराते हैं उनके दृग की मादकता ताजा कर जाते हैं भौंरे पल भर में जब अदृश्य हो जाते हैं फिर वही एहसास दे जाते हैं जाने वाले चले जाते हैं लौट कर कभी ना आते हैं हमारा जीवन यादों का जलता दीपक बना जाते हैं।
समुद्र की लहरें जब तट पर आती हैं जीवन मर्यादा का भान करा जाती हैं भाव मन में गतिशीलता का फिर पैदा कर जाती हैं लेकिन लौटती लहरें फिर वही एहसास दे जाती हैं जाने वाले चले जाते हैं ना लौट कर कभी आते हैं हमारा जीवन यादों का जलता दीपक बना जाते हैं।।