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May 2020
जज़्बात

क्या कभी पूरी होगी मेरी,  वो अनकही, अधुरी बात ?

क्या होगी फिर से एकबार जिवन मे आपसे  मुलाकात ?

अनकही, अनसुनी वो प्यार से भरपुर बात;

जो लब पे कभी आई नही, वो अनकही  बात !

जो कह नही सका आपको, वही प्यार की बात

आँखे कहती थी  मेरे  दिल मे छुपे जज़्बात

पर  आपने अनसुनी कर दी मेरे दिल की बात !

पल दो पल की थी वो मुलाकात; अब है लम्बी जुदाई की रात

इतने खुशनसीब हम कहाँ, जो समज जाते आप मेरे  जज़्बात

काश मैं कह पाता आपको मेरे दिल की बात, या दिखा सक्ता मेरे  जज़्बात ।

Armin Dutia Motashaw
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