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Apr 2020
दिल के  टुकडे

'गर तु कहे भूल  जा, तो क्या यह हो पायेगा हमसे ?

कैसे छूटेगा यह प्यार, यह प्रेमभरा  नाता तुमसे ?

तो क्या हुआ, गर तुम नही हो हमारे ;

दिल टुट गया तो क्या; यह टुकडे भी है तुम्हारे !

कभी शिकायत की नही, और ना हम करेंगे;

बस चुपचाप यूही  तुम्हारी याद मे  जिएंगे और मरेंगे ।

शीशा जब टुट जाता है तो दिखते हैं एक के  अनेक;

बस वैसेही, यह टुटे  दिल के टुकड़ोमे तु है; हर टुकडे में एक ।
'
दिल मे जो बसे हुए है, उनका अस्तित्व मिटता नही कभी भी

दिल के हर टुकडे में बसे हुए हो तुम अभी भी ।।।

Armin Dutia Motashaw
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