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Mar 2020
मिलन

एक पल मिलके बिछड गई है फुल से हवा, अभी अभी;

तो, नदिया मे, मौज से मौज मिलके बिछ्डी न कभी !

हवा ने भर दी अपने अंदर, अपने अस्तित्व में  फुल की महक;

सूंघ इसे, खुशी के मारे, चिड़िया रही है  चहक !

प्यार मे जब मिलन होता है तो होता हे वो बडा  सुहाना

चंदा और चकोरी के  मिलन को चाहिये कहा  कोई बहाना

धरती और आकाश के मिलन की बात भी, होती है बार बार

नदी और सागर के मिलन की, एक दूजेमे समाने की हर कोई करता है बात

दिलसे दिल के मिलन  की तो क्या करू बात; यह तो है प्रभू की सौगात

Armin  Dutia  Motashaw
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