मैं कवि नहीं, मैं गीतकार नहीं मैं नायक नहीं, मैं उन्नायक नहीं जो मेरे साथ घटता है उसी को मैं लिख लेता हूं प्रतिक्रिया स्वरूप लिखते-लिखते एक रूचि सी बन गई है कागज-पेन की इस क्रिया में जो पाठकों का प्यार मिल जाता है उसी से दिल बहला लेता हूं कोई पगला,कोई सनकी कोई काव्य दीवाना कहता है सच तो यह है कि इन विशेषणों से ही मेरा काव्यकोश भर लेता हूं