रहता क्यों रोज उदास कभी हंसने की कोशिश भी कर सिर पर जो बोझ है उसे तो पैरों पर आना ही है जीवन की इस कश्ती को भंवरों से भी लड़ना है अपनों को दुख सुना न पाए चल गैरों को बताने की एक बार कोशिश तो कर। उठ रही है गम की लहरें खुशी का है नहीं पता फंसा हुआ है लहरों में तैरना तुझे नहीं आता कोई नहीं है यहां जो तुझे बचाने आए डूबने से पहले फिर भी एक साहसिक कोशिश तो कर ऐसी कोई समस्या नहीं जिसे इंसान सुलझा न सकता ऐसी कोई डगर नहीं जिस पर राही चल नहीं सकता कर साहस ऐसा जो अब तक कर ना पाए अब तक लीक पीटते रहे एक जुनून जीने की कोशिश तो कर