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Mar 2020
रहता क्यों रोज उदास
कभी हंसने की कोशिश भी कर
        सिर पर जो बोझ है
        उसे तो पैरों पर आना ही है
        जीवन की इस कश्ती को
        भंवरों से भी लड़ना है
               अपनों को दुख सुना न पाए
चल गैरों को बताने की
एक बार कोशिश तो कर।
        उठ रही है गम की लहरें
        खुशी का है नहीं पता
        फंसा हुआ है लहरों में
        तैरना तुझे नहीं आता
               कोई नहीं है यहां जो तुझे बचाने आए
डूबने से पहले फिर भी
एक साहसिक कोशिश तो कर
        ऐसी कोई समस्या नहीं
        जिसे इंसान सुलझा न सकता
        ऐसी कोई डगर नहीं
        जिस पर राही  चल नहीं सकता
               कर साहस ऐसा जो अब तक कर ना पाए
अब तक लीक पीटते रहे
एक जुनून जीने की कोशिश तो कर
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
47
 
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