Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jan 2020
हे मा सरस्वती,

कंठ देना कोयल जैसा, मीठा हो मेरा हर गीत

झूम उठे दुनिया सुन के मेरा संगीत

लिखाना कुछ ऐसा जिस में तेरी हो जीत

कलम से मेरी निकले मोती अनमोल

अमूल्य, अनमोल; जिनका हो तुझसे तोल

दुनिया पढ़ कर अनुकरण करे मेरा हर बोल ।

चित्रकला में हो दिल लुभाने की कला,

हर चित्र से सीखे, और करे लोग कुछ भला

तेरे आशीर्वाद से निपुण हो मेरा मनमस्तिष्क, हाथ और गला ।

Armin Dutia Motashaw
28
 
Please log in to view and add comments on poems