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Jan 2020
गर होती मै

गर होती मै एक महकता फूल, तो शायद छु लेता तु मुझे;

गर होती मै खुशबू तो समा जाती सांसों में तेरी

गर होती मै एक इठलाता झरना, तो प्यास बुझाती तेरी

गर होती मै नटखट नदियां, तो शायद तु होता मेरा किनारा

गर होती मै बादल तो ऐ चांद छुपा लेती तुझे आंचलमे

गर होती मै कोई स्वादिष्ट मिठाई, तो होती मै भीतर तेरे

गर होती मै शहद मीठा, तो होठोको चूम लेती मै तेरे ।

गर होती मै रोशनी, दूर करती तेरा अंधेरा;

हूं मैं एक झगमगाता हुआ दिया; जलता है जो दिल में तेरे

रहूंगी जीवन भर इस दिल में, रोशन करूंगी तेरा जहान ।

Armin Dutia Motashaw
30
 
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