बिन लहरों के कैसा सागर खुशियां मिलना सुबह की मानिंद बिन रैना कैसा दिन का आनंद विवेक का मंथन विपदा पर निर्भर बिन बाधा कैसा धीर उजागर बिना लहरों के कैसा सागर।
मेहनत और चिंतन आपका कर्तव्य असफलता से अविचलन आपका धैर्य धैर्य है सफलता का सोपान बिन धैर्य कैसा विवेक उजागर बिन लहरों के कैसा सागर।।