Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jun 2019
न तेरा पेट गटर है,
न यह धरतीमां कुढ़ा;

इक्कठा कर न तु कचरा यहां, बच्चा हो या हो तू बूढ़ा

तेरे घरको, तेरे पेट को, और इस धरती को रख तु साफ।

खुद से और दुनिया के साथ, कर थोड़ा इंसाफ

रख अपने आप को और इस धरा को स्वच्छ और निर्मल।

Armin Dutia Motashaw
49
 
Please log in to view and add comments on poems