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Apr 2019
जादूगर

देखा नहीं दुनियाभर में, तुझसा कोई जादूगर ;

कर सकता है तु तो कुछ भी, पर चाहे तु अगर ।

पानी में तु एक भयानक आग लगा सकता है ;

और जलती धरापर पानी बरसाने की क्षमता रखता है ।

रेगिस्तान में बरसाए बूंदे तु, ले आए सावन;

या तो खिल जाए चमन वहा, या एक घना वन

खल खल बहे झरना, जहां कुछ समय पहले ही थी  सिर्फ रेत ।

या तो फिर अचानक गिराए जलती धरा पर, बर्फ श्वेत ।

पल भर में गुलाबो से भरा गुलिस्तां, बना दे तु रेगिस्तान;

या धराशाही कर दे महल या मीनार, जगा के तूफ़ान ।

आंधी में तु दीप जलाए और वोह बुझ भी न जाए

तेरे चाहनेसे पल भर में, मौसम बदल जाए ;

सावन की ठंडी फुहार, दिल में आग लगाए, या तो वो ही, आग बुझाए ।

सारी दुनिया में केवल एक; तु तो है बस एक महान जादूगर ।

झुक जाए तेरे सामने राजा महाराजा ओ का सर ।

Armin Dutia Motashaw
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