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Armin Dutia Motashaw
Poems
Apr 2019
झांको भीतर
झांको भीतर
अरे भाई, निष्ठुर हो के लोगों को युह न मार
क्यों करता है दूसरों पे बिना सोचे समझे वार
कभी जरा अपने भीतर तो झांक मेरे यार ।
कभी देख ले करके सब से भाईचारा और प्यार
सुकून मिलेगा बहुत; कर ले तू, मेरा ऐतबार ।
भगवान कहे कोई, और कोई अल्लाह; जिसने रचा संसार
वो कहता है, सब है एक समान; बस तु सबसे कर प्यार ।
विनती करती हूं, कुछ भी करने से पहले, सोचना एक बार;
जवाब मिलेगा जब झांकोगे भीतर, अपनी अंदर एक बार ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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