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Jan 2019
मीरा रानी

दुःख से थी वो दीवानी

आंखो में भरा था पानी

थी छाई, भरपूर जवानी

व्याकुल थी बहुत मीरा रानी ;

हो चुकी थी वो मनमोहन की दीवानी ।

मुखसे गाती थी वो गीत, दीवानी

नाच रही थी लेके इकतारा; थी जो एक महारानी

प्रेम में नट नागर के, बन गई मस्तानी ।

उदा की नज़र से थी वो अनजानी

प्रीत में, मनमोहन की हो चुकी थी दीवानी ।

मौत से था नहीं उसे खौफ; जीवन तो है, आनी जानी

मनमोहन में खो चुकी थी वो दीवानी

याद रखिएगा यह प्रेम कहानी

प्रेम ने बना दिया था एक रानी को दीवानी ।

कृष्ण की थी वो दासी, प्रेम प्यासी, मीरा रानी ।

Armin Dutia Motashaw
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