Hello Poetry...
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2025 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Armin Dutia Motashaw
Poems
Jan 2019
मीरा रानी
मीरा रानी
दुःख से थी वो दीवानी
आंखो में भरा था पानी
थी छाई, भरपूर जवानी
व्याकुल थी बहुत मीरा रानी ;
हो चुकी थी वो मनमोहन की दीवानी ।
मुखसे गाती थी वो गीत, दीवानी
नाच रही थी लेके इकतारा; थी जो एक महारानी
प्रेम में नट नागर के, बन गई मस्तानी ।
उदा की नज़र से थी वो अनजानी
प्रीत में, मनमोहन की हो चुकी थी दीवानी ।
मौत से था नहीं उसे खौफ; जीवन तो है, आनी जानी
मनमोहन में खो चुकी थी वो दीवानी
याद रखिएगा यह प्रेम कहानी
प्रेम ने बना दिया था एक रानी को दीवानी ।
कृष्ण की थी वो दासी, प्रेम प्यासी, मीरा रानी ।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
62
Please
log in
to view and add comments on poems