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Armin Dutia Motashaw
Poems
Jan 2019
यह संसार
यह संसार
"सीने में सुलगते हैं अरमान", गाती हूं यह गीत;
प्यार की हो गई हार, और मतलबी दुनियां की जीत।
चाहा था अपनो का साथ, थोड़ासा प्यार;
पर यहां तो चलता है व्यापार, बड़ा कठोर है यह संसार ।
इस से तो अच्छा था वोह भरम, ठीक था वो फरेब;
भले वोह था एक भ्रम; समझो थी वह हमारी एक ऐब ।
मतलब का होता है व्यवहार;
मात पिता को छोड़ के, झूठा सारा संसार।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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