कैसे कहूं मै दिल की बात, सूझते नहीं कोई बैन देखते ही तुझे, दीवाने हुए है, मेरे नैन उस दिन से अब तक, खो गया है मेरा चैन बस आती है तेरी ही याद; दिन हो, या हो रैन तेरे प्यार ने, तेरी प्रीत ने, किया है मुझे बेचैन इस संसार में, क्या यही है प्रीतम की दैन ?