कल की हसीन शाम ढल चुकी आज मानो रब की गर्दन है झुकी उसका बनाया मानव रिश्ते नाते गया है भूल पैसों, हीरो के सामने रिश्ते आज बन गाए धूल मतलब में, खुदगर्ज़ी में, वो अंधा हो गया, पैसों की चकाचौंध में मानो वो खो गया । उसे अपने पराए लगते है, और पैसेवाले अपने; परयो के चक्कर में वो अपनोसे बेगाना हो गया । रब की गर्दन झुक गई, मेरा बनाया हुआ मानव, बेगाना हो गया ।