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 Jun 2018
Deovrat Sharma
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मिरे पह़लू में रह कर भी
कभी मेरा नही होता।

वो हर पल साथ हो कर भी
वफा़ कब कर सका मुझसे।।

◆◆◆

हयात-ए-ज़िन्दगी है दिल
धड़कता है जो सीने में।

फ़लसफा-ए-वफ़ादारी का
शिक़वा क्या करें इससे।।

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©deovrat 03-06-2018
 Jun 2018
Deovrat Sharma
●●●
अश्क़ कब से..
तमाम हो गये हैं।

ना काफ़ी से..
इन्तजा़म हो गये हैं।।
◆◆◆

ना तुम आये..
ना तुम्हारी कोई ...
ख़बर आयी।

लहू के कतरे अब..
निगाह-ए-आम हो गये।।
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©deovrat 26-05-2018
 Jun 2018
Deovrat Sharma
●●●
अमीरी दौलत-ओ-अस़बाब..
से मयस्सर नही होती।

खुले दिल शख़्स ही सच में..
अस़ल दिलदार होते  हैं।।
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©deovrat
 May 2018
Deovrat Sharma
~~~
गहराती हुई रात,
हर लमहा उनकी याद।
~~~
बादलों मे जैसे..
छुपता - छुपाता चाँद।।

~~~

©deovrat
 May 2018
Deovrat Sharma
•••

वो तो
अब्र का है
कतरा..

मेरा
वज़ूद जैसे
सहरा !
~~~

मझे
मिलने की
ज़ुस्तज़ू में..

कहीं
वो फ़ना हो
ना जाए !!

•••
©deovrat
 May 2018
Deovrat Sharma
°°°
वो बारिशों की वो मस्तियां।
वो जुल्फों से अठखेलियाँ।।
वो बहार थी जो गुजर गयी।
अब गर्दिशौं का गुबार है।।
~~~
वो समा था वस्ल-ए-खुमार का।
ये फिजा है तन्हा उदास सी।।
यां शाख-ए-गुल की बिसात क्या।
यह हयात उजडा दयार है।।
~~~
कब कौन मिल जाए क्या खबर।
कब कौन खो जाए क्या पता।।
वो जो दिल मिले थे बिछड़ गये।
ये नसीब - नसीब की बात है।।

°°°
(c)  deovrat 06.05.2018
 May 2018
Deovrat Sharma
...
इंसान फ़ना होते है
मोहब्बत कभी
ख़त्म नही होती !

मोहब्बत हमेशा
किसी भी रूप में
वज़ूद में रहती है ! !
~
मोहब्बत कोई श: नही,
मोहब्बत सिर्फ़
एक ज़ज़्बा है !

जो एक इंसान को
दूसरे इंसान की नज़रों में
बहुत ऊपर उठा देती है !!

...

(c) deovrat - 04.05.2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
...
परवाने की  आदत है..
शम्मा पे  यूँ  जल जाना  !

अंज़ाम-ए-मुहब्बत को..
परवाना ना जाने है !!
~~~

हम से उनका मिलना..
यूँ  मिल के बिछड़ जाना !

कुछ क़ब्ल की बातें हैं..
कुछ  गुज़रे ज़माने हैं !!
~~~

किस्मत की लकीरों पे..
कुछ ज़ोर नही गोया !

शिद्दत से, जुस्तुजू के..
कुछ राज़ छुपाने हैं !!
~~~

हम उनके मुंतज़िर हैं..
जो मिल के बिछड़ते है!

कुछ पल का वो मरहम है..
और सब ज़ख्म पुराने हैं !!

...

(c) deovrat-24.04.2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
...
जब हम-ओ- तुम मिले थे..
तुम्हें याद है वो लम्हे।
जैसे बहार-ए-गुल हो...
हयात-ए-जिन्दगी हो।।
~~~
वो हसीन हादसा था..
या तो ख्वाब था वो कोई।
हकीकत है, मै हूँ तन्हा...
तुम भी कहीं नही हो।।

...
©  deovrat - 22.04.2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
...
सिनिग्ध चाँदनी बरस थी
धरती और गगन में  !
चाँदी जैसा अंबर दिखता
नादिया की कल कल में !!

~~~

मन की वीणा पर था जैसे
सप्त सुरों का वादन !
कंठ स्वरों नें बरबस छेड़ा
मधुर मिलन का गायन !!

~~~

मन्थर मंद मलय के झोंके
ख़ुशबू जैसे चन्दन !
सारा उपवन महक उठा
तब जैसे नन्दन कानन !!

~~~

वो मनमीत, अतीत से
आकर बैठा सन्मुख मेरे !
स्वपन सलोना रहे सनातन
जब तक है यह जीवन !!

...

(c) deovrat-12.04.2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
...
यादों का सिलसिला है,
या कारवाँ गमों का !

वो याद बहुत आये,
फुरकत में उदासी में !!
       ~~~

सब रस्मे मुहब्बत  क्‍या,
इस तरहा निभाते है !

हम कब से लुटा बैठे,
सब कुछ तेरी राहों में !!

         ~~~
(c) deovrat-05.04.2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
~~~
अफ़सोस तो होता है..
    अगर गुफ़्तगू ना हो ।

        इतना तो मगर सुकून है..
          वो मुझसे ख़फा नही ।।
                     ~~~
             तन्हाइयों का रंज़ ना..
               मुझको कभी रहा ।

                   सदा  वो साथ हैं मेरे..
                     न था मुझसे जुदा  कभी ।।

                                  ~~~
               *©deovrat - 26. 03. 2018
 Apr 2018
Deovrat Sharma
...

यूँ तो मेरे ज़ज्बात की,

परवाज़ बड़ी उँची है!

~~~

फिर क्यूँ अभी तलक ना,

खुद को ही पा सका !!

~~~

उसकी तलाश में,  

ज़माने गुज़र गये !

~~~

उसका पता ठिकाना,

ना कोई बता सका !!


...

(c) deovrat - 28.03.2018
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