Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
 
Mohan Jaipuri Feb 2023
चलो अब आ गया है फाल्गुन
सर्दी हो रही है धीरे-धीरे गुम
ऊनी पहनें तो गर्मी लगे
ना पहने जुकाम लगे
जाती सर्दी बड़ी बेरहम
ढा रही है सब पर सितम
बहती नाक, छिलता गला
भूला‌ रही अगला-पिछला
रख मुंह रूमाल कोई खांसे
समझो चिकित्सक के चला।।
Mohan Jaipuri Dec 2024
यह दिल और इसमें चाहत के फूल
भेजे जो तुमने सुबह करते हुए भूल
किया है उन्होंने असर कुछ इस तरह
जैसे जख्मों पर लग गई हो दवा माकूल।।
Mohan Jaipuri Jul 2024
फूलों सा नाजुक दिल‌ तेरा
मोती से साफ जज़्बात
दिन के मिजाज की फ़िक्र क्या
जब तू कराये सुबह का आभास।।
94 · May 2024
हकीकत
Mohan Jaipuri May 2024
आंख मिल जाने से
कोई मिल नहीं जाता
हां शायर जरूर बना देता
शायरी लिखते-लिखते
जब कभी दीदार हो जाता
लफ्ज़ इतने जहन में बैठ जाते
कि हकीकत हजम‌ नही होता।।
Mohan Jaipuri Apr 2020
तेरे बिना यह जिंदगी मिल भी जाए तो क्या है?
सिर्फ एक खामोशी का मंजर
और दिल में तेरी याद का खंजर है।
एक तो धुंधलाती यादों का साया
दूसरा यह जीवन का सुनसान सा दोपहर ।

क्यों ये दिन रात होते हैं?
जबकि दोनों का मेरे लिए एक ही मतलब है
धन दौलत खैर ख्वाहिश
तब तक लगते अच्छे थे
जब तक तुम हमसफर थे।

जीवन जुगनूओं का रंगमंच है
एक शम्मा की लौ के बिना 'शो' होता नहीं
जलने का जज्बा आता नहीं
पिघलते हैं दिल के अरमान
जब दिल में ही तो
निकलते हैं आंखों के रास्ते
यही है जिंदगी का बेबस मंजर
और दिल में तेरी याद का खंजर।
93 · Jan 5
गर्मी
जो बातें तू कह नहीं पाती
वो तेरी आंखें कह जाती
होठों के शोलों से आती
गर्मी है सर्दी को चिढ़ाती।।🔥
93 · Feb 2024
Complete
Mohan Jaipuri Feb 2024
To me
*** is love
To her
I am love
She is complete
I am incomplete
93 · Feb 2020
Chocolate
Mohan Jaipuri Feb 2020
Give a chocolate
Shaped as heart
Try to show as
if you know saying
"You are special " art
Look into
Heart
Don't be
Smart
Open your
Arm
To welcome
Warm
This will
Bring
Everlasting
Charm
Still you fail
Than no much
Harm
Mohan Jaipuri Nov 2024
नोकरी, छोकरी और शायरी
दो समय तो ये हर बार निखार पाते।
इसमें कभी भी पारंगत नहीं हो सकते
हमेशा ये सुधार की गुंजाइश ही रखते।
लफ्ज़ यहां बहुत महत्व रखते
बिगड़े लफ्ज़ तो ये नहीं बख्शते।
रात दिन का फेर नहीं समझते
जब लगे तलब  तभी जगा लेते।
व्यक्ति जब तक कुछ सोचता
तब तक तो ये मुंह बना लेते।
तीनों ही रत्न ये अद्भुत
एक दूसरे को पुष्ट करते।
Mohan Jaipuri Oct 2021
उधर सिर पर दिवाली
इधर ब्रेकर ने पगड़ी उछाली
बिजली वाले तेरी तो
आज शामत आ ली।।
@ Mehrasar breaker pole damage this morning at 6:56 hrs.
Mohan Jaipuri Oct 2020
अक्टूबर मीट में आ गए हैं
चौरासी के गबरू।।
       सांसे हैं महकी सी
       फिजां है बहकी सी
उछल कूद मचा रहे हैं
जज्बातों के पखेरू।।

       स्वप्न सी इस संध्या में
       धूम मचाए वारुणी
       ज्यों ज्यों हलक उतरती जाए
       बनती जाए रागिनी।
सहज ही संगीत पनप रहे हैं
बिन पायल बिन घुंघरु।।

       अक्टूबर मीट में आ गए हैं
       चौरासी के गबरू।।
October zooms when winter booms.
92 · Oct 2020
Fortune
Mohan Jaipuri Oct 2020
Past has gone
Still in memories
Future is unknown
Still worries
Present is fortune
But we a'nt in tune
That is why
We face ruin
92 · Mar 2021
Red alert
Mohan Jaipuri Mar 2021
Love is a mutual bond
If you share it
It will care
If you take it as flirt
It will blur
And create a red alert.
Mohan Jaipuri Apr 2022
आज ना लिखूं तो
मैं कैसा लेखक ?
ना पढूं तो
कैसा पाठक ?
पुस्तककोष नहीं मेरे पास
समय का है ये कैसा पाश?
लिख दूं फिर
कोई ऐसा नगमा
सबको आ जाए जो रास
सिद्ध हो जाए
पुस्तक दिवस पर
वो एक सार्थक प्रयास।
91 · Feb 2022
वादे
Mohan Jaipuri Feb 2022
वादे वो नहीं होते
जो शब्दों में बयां होते हैं
वादे तो‌ सिर्फ कसौटी पर
पर ही परखे जाते हैं
मेरी जाना‌ लफ्जों के फेर में
कहीं मुझे ठुकरा ना देना।।
Mohan Jaipuri Sep 2022
अभियांत्रिकी में नवाचार
यही है वक्त की पुकार
जितना ज्यादा ‌नवाचार
उतना बेहतर होगा संसार।।
90 · May 2024
असफल रहा
Mohan Jaipuri May 2024
आंखों से जाम लिया
होठों पर थाम लिया
उसने फोन काट‌ दिया
ये कैसा‌ सितम किया ?
सपने नहीं पूरे हुए
अधूरे भी कैसे कहें?
उसने तो मुझे पढ़ लिया
मैं  ही असफल रहा।।
Mohan Jaipuri Jan 2019
साहित्य के बाजारीकरण से दूर
व्यर्थ भीड़-भाड़ रहित
विशुद्ध साहित्य चर्चा सहित
कल जयपुर में एक साहित्य मेला देखा
नाम समानांतर साहित्य उत्सव
पूरा भारतीय साहित्य का पोषक
भीष्म साहनी, रांगेय राघव,रजिया,
कन्हैया लाल सेठिया का उपासक
खाना खजाना और किताबखाना देख
अंतर्मन हर्षित हुआ ये साहित्य संगम देख।
एक बजे भीष्म साहनी मंच पर
एक ऐसा संवाद सुना
जिसका इस दौर में
कभी भी अनुमान न था
राजनीति भी ठग विद्या है
ऐसा कभी भान न था
परतें दर परतें खोलीं
राजनीति के कारनामों की
किसानों, वंचितों, दलितों पर
राजनीति के आघातों की
शिक्षण और खेल संस्थानों के
राजनीतिक अपहरणों की
धन्य अन्तर्मन हुआ
ऐसा पर्दाफाश सुना ।
मूर्धन्य पत्रकार नारायण बारेठ ने
चर्चा का ऐसा संयोजन किया
नेहरू से नरेंद्र युग तक
पूरा खाका खींच दिया
कार्टूनिस्ट शंकर से लेकर
गौरी लंकेश तक का
निराला सफर बता दिया
इशारों ही इशारों में
प्रजातंत्र के चौथे पिलर को
चौथा किलर बता दिया
हम भी संयोजक से
इतना कुछ प्रभावित हुए
एक चित्र हमने भी
उनके संग उतरा लिया
खुशी की सीमाएं न थी
ऐसी अद्भुत शैली थी।
90 · Jun 2020
पीला रंग
Mohan Jaipuri Jun 2020
पीला है खुशियों का रंग
उस पर तितली जैसे लब
कहीं हो रही बूंदाबांदी
कहीं गर्जन के करतब
किस पर आज बिजली गिरेगी
किसका उर होगा
खुशियों से लबालब
Mohan Jaipuri Sep 2020
दुनिया में रहते हैं
दुनिया वाले फिर भी
यह कहते हैं
लालसाओं के पीछे
भागने से
कमर झुक जाती है
जिस्म बूढ़ा हो जाता है
बाल पक जाते हैं
झुरिया इनाम में
मिलती हैं
तो फिर पशु
जिनकी कोई लालसा
नहीं होती है वो
क्यों नहीं समय के
प्रहार से बच पाते हैं
सच तो यह है
कि इस प्रकृति में
हम तब तक ही
सामयिक है जब तक
हम इसमें
रोज कुछ नया
करने की लालसा
मन में रखते हैं
यह जीवन पर्यंत
बनी रहनी चाहिए
यही सकारात्मकता
भी कहलाती है।
90 · Jul 2021
Proper reading matters
Mohan Jaipuri Jul 2021
You may feel as if
a blooming flower
If you have been
able to read
Wife's attitude
properly at home
And Boss's mood
at work place
Home is heaven
if wife is happy
Work place is temple
if boss is at ease
Otherwise praise
may turn into rage.
89 · Oct 2020
वर्तमान
Mohan Jaipuri Oct 2020
चला जाता है अतीत
यादों में फिर भी बना है रहता
भविष्य का नहीं है पता
फिर भी यह जीने नहीं देता
वर्तमान है जीवन का भाग्य विधाता
इसका उपयोग करना नहीं आता
बिना दृढ़ निश्चय के
संबल इसको बना नहीं पाता
जीवन की इस भूलभुलैया में
इतनी सी बात मैं समझ नहीं पाता।
Mohan Jaipuri Mar 2020
Forests filter water
Birds & bees pollinate crops
Rivers get us drinking water
We alter ecosystem
Polluting our food platter

Livestock on earth
is health and economic
Source of
prosperity
By destruction of it
Human being is
hanging upside down
Of the fear of
Zoonotic diseases
Having no medicity
Mohan Jaipuri Apr 2021
बहुत गीले तुझको भी हैं
मुझको भी हैं मेरी जाना
नहीं रूकता फिर भी दिलों
का एक-दूसरे के लिए तड़पना
अगर गुजरना पड़ा इस बियाबान से
यों ही कभी तन्हा तो भी रूह कहेगी
जरा उसकी गली से होकर लेना।।
89 · Nov 2024
मुस्कान
Mohan Jaipuri Nov 2024
जिंदगी तो लगती मुझको एक खता
तेरी एक मुस्कान ही है इससे जुदा।।
- मोहन सरदारशहरी
89 · Jul 2022
Ice cream
Mohan Jaipuri Jul 2022
Ice cream, Ice Cream
You make children beam
Some times i wonder
how it could have been
possible without you
to silence my wife scream.
# Ice Cream day
Mohan Jaipuri Jan 26
अब लोगों को याद कहां
गणतंत्र का मतलब
एक झण्डे के नीचे खड़े हैं
हर समानता कलमबद्ध
पूछो‌ अपने पूर्वजों से कभी
यूनियन जैक के करतब।।
88 · Feb 2020
Teddy is Ready
Mohan Jaipuri Feb 2020
Nothing can be
As mushy as
a teddy

The gift of a teddy
Makes both hearts
Warm and ready

Teddy is a symbol
Of romantic feelings
for your lovely lady

It is a symbol
Of flexibility
For furure life
Go handy
88 · Mar 2020
Holi
Mohan Jaipuri Mar 2020
Happy & colourful
Holi HPian Peeps
May Holi bring you all
Colours of
Suavity
Humility
Creativity
Imagination
Inspiration
In your
Personality
Best wishes to poets of HP platform on the festival of  colours named Holi in India
88 · Mar 2020
Conceal or reveal?
Mohan Jaipuri Mar 2020
When it comes to
the depth of
Emotions
Love and
Sacrifice
All sources of water on earth
are shallower than a woman

When it comes to richness
All the treasures of the
world are poorer
compared to richness of share,
Care And affection of a woman

Still the biggest fact about
her is that
When she conceals
World like her to reveal
And when she reveals
World like her to conceal
# International women's day
88 · Apr 2024
Fragrance
Mohan Jaipuri Apr 2024
Time is more fragrant than flowers.
Mohan Jaipuri Jun 2022
तू मेरे ख्वाबों की मलिका
तेरा देख चेहरा दिल धड़का

यह दुनिया लागे फीका‌ साग
तू लगे उसका तड़का।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका......

गीत दुनिया के लगे शोर
बस तेरे स्वर चितचोर
तू आज खामोश है
पेन कवि का अटका।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका......

रंग दुनिया के लगें सब फीके
महक फूलों की गायब
बस तेरा ही श्रृंगार देख
मेरा होता नैन मटक्का।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका
तेरा देख चेहरा दिल धड़का।।
87 · Nov 2024
मुकाम
Mohan Jaipuri Nov 2024
समय बलवान, करता बड़े काम
बदले तो साल में दे कई मुस्कान
दशकों की उदासी का करके शमन
मुकम्मल कर दे फिर से वही मुकाम
जहां खड़े होते थे यों ही सीना तान ।।
87 · Jul 2020
Death
Mohan Jaipuri Jul 2020
Death is truth
To hide up
the bad & good is
Its greatest goodness
To go into the lap of it
while doing self duties
is the best farewell to
life and its besties.

Life lived without sorrow
is considered as raw
Life lived in struggle
Clears off it any sorrow
And death too say it
Not today but tomorrow
87 · May 2024
राधा
Mohan Jaipuri May 2024
तारे हैं पूरे, चांद है आधा
उल्लू की आवाजें नींद में बाधा
छत पर ना सोना अकेले
यदि साथ ना हो अपनी राधा।।
Mohan Jaipuri Jan 2019
दस साल बाद  मौका आया
जब जुकाम ने ऐसा हिलाया
आज फिर छठी का दूध याद आया
फर्क बस यह है कि उस समय अपने पास थे
आज अकेला छत को ताक रहा हूं
बीते वर्षों के कहर याद कर रहा हूं
क्यों तकलीफ में यादें नागिन सी जवां होती हैं
और धीरे-धीरे डसती हैं
क्यों मुश्किल समय में हम यादों का पीछा करते हैं
और अपनी मजबूती को बंधक बना देते हैं।
86 · Aug 2020
Thought for sleep
Mohan Jaipuri Aug 2020
Our sleep's quality
measures
Our satisfaction quantity
86 · Jan 2022
ठंड से
Mohan Jaipuri Jan 2022
ऐ ठंड छोड़ दी
मैंने जिद्द नहाने की
डर कर तेरे प्रकोप से
अब तो बरत कुछ राहत
चल रही‌ है नाक
अकड़ रहे हैं हाथ
जब होती है प्रभात
सड़कें मिलती हैं सुनसान
खामोशी हर तरफ ऐसी
जैसे उजड़ गया हो गांव
ना कोवों की कांव
ना‌ नलों में सांय सांय
भांप कर अजीब ये नजारा
मैं दुबका रहता बिस्तर
सब से मुंह मोड़
जाने को आई जनवरी
अब तो पिछा‌ छोड़।।
86 · Apr 2021
Sea or moon
Mohan Jaipuri Apr 2021
They say
Love has depth
Should we call
Our love the sea
instead of
the moon?
86 · Nov 2024
Key
Mohan Jaipuri Nov 2024
Key
You are sweet as flowers
I follow you like a bee
You are a married
While I am a single
I think this relation
doesn't has a key
Only a good friendship may be.
86 · Jan 2020
My Status
Mohan Jaipuri Jan 2020
My hairs are grey
This is aging effect
I keep them black
by regular dyeing
This keeps me in
a perfect fray
This also spares me
of seniors respect
But earns me
youngers status
And brings me
in working mode
But It gives me feeling
of reality exodus
86 · Jan 2020
गजक
Mohan Jaipuri Jan 2020
मूंगफली और गुड़ वाली गजक
दिखने में है ये लाल- पीली गजक
उपलब्ध सबको सहज सुलभ
सर्दी में दे गर्माहट ये गजक
व्यंजन की अद्भुत मिसाल गजक

तिल और चीनी वाली गजक
दिखने में ये है उजली गजक
दांतो की कसरत करती गजक
किट -किट आवाज निकलवाती गजक
सर्दी की किटकिटाहट मिटाती गजक

सूखे मेवों वाली भी आई गजक
अमीरों की भी चाहत बनी गजक
लोहड़ी तक ही रास आती गजक
आओ मिलकर खाएं गजक
गजक खाकर करें धमाल
यह है सर्दी का तोहफा बेमिसाल
Today is festival of Lohri in India which is celebrated with eating Gazak, Rewari Ghewar . The simple and natural food items providing inner warmth in the winter.
86 · Oct 2024
लहटूरा
Mohan Jaipuri Oct 2024
अमरा तो म्हे मरता देख्या , भाजत देख्या शूरा
आगे से‌ पिछा भला , नांव भला लहटूरा।।

Meaning : The person with name Amra( immortal) was seen dead, the person with name Shura ( brave) was seen running away in fear so it is clear that past was better than future and the name Lahtura was ok.
Mohan Jaipuri Jan 2024
जो सबसे सस्ता लगता है
वही था सेहत का खजाना

सुबह सर्दियों में अलाव जगाकर
बैठ अपनों संग बतियाना
सर्दी के बहाने वो खुले में
कुश्ती,माला देना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

गाय, भैंस , बकरी वाला
वह घर का भरा दालान
बरबस ही मन मोह लेता था
वो बछड़ों का रंभाना
शब्द नहीं होते थे ,पर हेत हृदय पहचाना
हाथ फेर स्नेह जताना
वही था सेहत का खजाना।

मोरों की आवाज सुनकर
वह वर्षा का अनुमान लगाना
खाने से पहले नहा धोकर
पाव चुग्गा बरसाना
पूरे दिन पक्षियों का कलरव सुन
वह हृदय का हरसाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मिट्टी के बर्तन से घी-दूध
मिट्टी के बर्तन में लेकर
बैठ रेत में सुबह-सुबह ही गटकना
ना खांसी, ना एलर्जी,ना शरीर का लाल होना
इतने मस्त मलंग थे
बैठ जमीन पर ही नहाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

सूरज की धूप सेंक कर
दोपहर सर्दियों में ओढ़ कम्बल सो जाना
सोचता हूं यही था
पूरे साल‌‌ की इम्यूनिटी का खजाना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।

मकान चाहे कच्चे थे
उसूल बड़े पक्के थे
बिन रोटी लायक काम के
कोई पड़े -पड़े नहीं खाते थे
सरकारों की योजनाओं का
कभी मुंह नहीं ताकते थे
खुद ही बुनकर‌, खुद सील कर
मोटा कपड़ा पहनते थे
पगड़ी पहन ठसक से रहना
वाह रे वाह क्या कहना
लगता इसमें कुछ नहीं था
पर था सेहत का खजाना।
86 · Sep 2020
Problems of life
Mohan Jaipuri Sep 2020
The problems of life
are necessary for
the new dimensions to life
These are the basic
diet of thinking about
opportunities and
innovations in life
Don't ever be worried
about these
These are our requirements

The problems of life
don't let us sleep
Still show new dreams
Either take directly to
the destination
Or change the
way to destination
In either case they
get us to a conclusion
These are our
exercise books
Which promote
our life's looks

Mohan Jaipuri Jan 2024
जय श्रीराम,भजलो यह नाम
जमाना है डिजिटल,सेव करलो नाम
इतना जतन से सेव करो कि अगर
हमारा शरीर रूपी हार्डवेयर खत्म भी हो जाये तो
बैक अप में यमराज को जय श्रीराम मिल जाये।।
85 · Jul 2024
चीता
Mohan Jaipuri Jul 2024
चीते जैसी फुर्ती की
कल्पना तभी संभव है
जब चीते सलामत रहें।।
85 · Feb 16
सियासत
Mohan Jaipuri Feb 16
अपने डांटकर बार- बार लूटते हैं
पराये मीठे बन मौके की नजाकत से
एक तरफ है तमाशा, दूसरी और ड्रामा
सभी वाबस्ता हैं इस सियासत से।।
85 · Nov 2024
ऐवड़
Mohan Jaipuri Nov 2024
रुनझुन बजती टालियां, टच-टच हांकता ग्वाल
गधे पर छागल लदी, चले अकाल-सुकाल
रेगिस्तान में बस यही रौनक का पर्याय
बरसे या नहीं बरसे मेहनत तो लेते निकाल।।
Next page